ICICI Prudential: सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी एसआईपी के जरिए जो लोग अपने फ्यूचर के लिए इन्वेस्टमेंट करना चाहते हैं, उनके लिए म्यूचुअल फंड बेहतर विकल्प साबित हो सकता है. म्यूचुअल फंड आपको करोड़पति बनाने की ताकत रखता है. देश की दूसरी सबसे बड़ी एसेट मैनेजमेंट कंपनी आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल के वैल्यू डिस्कवरी फंड ने 20 साल पहले निवेश किए गए 10 लाख रुपये को 4.50 करोड़ रुपये बना दिया है. इसका मतलब यह है कि इन 20 सालों के दौरान आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल के वैल्यू डिस्कवरी फंड का चक्रवृद्धि दर (सीएजीआर) रिटर्न 21 फीसदी से ज्यादा रहा है, जबकि इसी अवधि में निफ्टी में यही रकम केवल 2 करोड़ रुपये हुई है. इसका मतलब यह कि इस फंड ने अपने निवेशक को निफ्टी से दोगुना का ज्यादा फायदा दिया है. निफ्टी का सीएजीआर 16 फीसदी रहा है.
वैल्यू डिस्कवर फंड में रिटर्न ज्यादा
अर्थलाभ डॉटकॉम के आंकड़ों के अनुसार, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल वैल्यू डिस्कवरी फंड देश में सबसे बड़ा वैल्यू फंड है. आंकड़े बताते हैं कि इसका एसेट मैनेजमेंट यानी एयूएम 48,806 करोड़ रुपये है. म्यूचुअल फंड की वैल्यू कैटेगरी में इसका कुल एयूएम का अकेले करीब 26 पर्सेंट एसेट्स इसके पास ही है. एक साल में आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल वैल्यू ने 10 हजार रुपये के निवेश पर 43 फीसदी के भारी रिटर्न के साथ 14,312 रुपये दिए हैं. वहीं, तीन साल में इसका रिटर्न सीएजीआर 27.28 फीसदी रहा है. 10 हजार के निवेश पर निवेशक को 20,645 रुपये मिले हैं, जो दोगुना से भी ज्यादा है. पांच साल में यही रकम 32 हजार से ज्यादा हो गई है, जो 26 फीसदी सीएजीआर का रिटर्न दिखाता है. 20 साल में यही रकम 4.50 लाख रुपये से ज्यादा हो गई है.
लॉन्ग टर्म के निवेश के लिए बेहतर है वैल्यू डिस्कवरी फंड
20 साल पूरे होने के अवसर पर आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी के एमडी और सीईओ निमेश शाह ने कहा कि यह पहचानना महत्वपूर्ण है कि वैल्यू निवेश के लिए धैर्य की जरूरत होती है, क्योंकि पूरा लाभ मिलने में समय लग सकता है. आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल वैल्यू डिस्कवरी फंड की यात्रा ने दिखाया है कि वैल्यू निवेश का दृष्टिकोण भारतीय बाजार में भी प्रभावी है. हमें इस पर गर्व है कि इस स्कीम ने धैर्यवान निवेशकों को लंबे समय में धन हासिल करने में लगातार मदद की है.
2004 में लॉन्च हुआ था आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी के कार्यकारी निदेशक और मुख्य निवेश अधिकारी एस नरेन ने कहा कि जब आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड ने 2004 में अपना वैल्यू डिस्कवरी फंड लॉन्च किया, तो इस बात पर संदेह था कि क्या भारत जैसा देश का भी डेवलप्ड मार्केट में वैल्यू निवेश बढ़ सकता है. हालांकि, हमारा दृढ़ विश्वास इस पर आधारित था कि वैल्यू निवेश अमेरिका जैसी विकसित अर्थव्यवस्थाओं में सफल साबित हुआ था, तो क्या यहां भी अपनी जगह बनाएगा.
वैल्यू फंड्स में निवेश की अपार संभावनाएं
एस नरेन ने कहा कि पिछले दो दशकों में आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल वैल्यू डिस्कवरी फंड ने प्रदर्शित किया है कि वैल्यू निवेश वास्तव में भारत जैसे विकाशील बाजार में काम कर सकता है, जबकि खराब प्रदर्शन वाले फेज मई 2006 से फरवरी 2009 के बीच और फिर 2016 से 2018 तक लॉन्ग टर्म रिजल्ट वैल्यू निवेश की स्थायी ताकत को दिखाते हैं. हमें विश्वास है कि रुक-रुक कर आने वाले खराब फेज के बावजूद वैल्यू निवेश की अपार संभावनाएं हैं.
एसआईपी में कमाल का फायदा देता है वैल्यू डिस्कवरी फंड
इस फंड में अगर एसआईपी के निवेश को देखें, तो इसने भी कमाल का फायदा दिया है. आंकड़ों के मुताबिक, फंड की शुरुआत से एसआईपी के माध्यम से 10,000 रुपये का मासिक निवेश 31 जुलाई तक 2.30 करोड़ रुपये हो गया, जबकि वास्तविक निवेश केवल 24 लाख रुपये रहा है. इसका मतलब यह कि इस समयावधि में निवेश को 19.41% का सीएजीआर रिटर्न मिला है. निफ्टी50 टीआरआई में समान निवेश से केवल 14.21% का सीएजीआर फायदा मिला है.
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नोट: प्रभात खबर किसी भी कंपनी के शेयर या म्यूचुअल फंड में निवेश की सलाह नहीं देता. यह बाजार जोखिमों के अधीन है. किसी भी शेयर या म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले विशेषज्ञों से अच्छी तरीके से सलाह जरूर ले लें.
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