ICICI बैंक लोन फ्रॉड केस: सीबीआई ने कोचर दंपति के खिलाफ दायर किया चार्जशीट

CBI ने 3250 करोड़ रुपये के लोन फ्रॉड केस में ICICI बैंक की पूर्व एमडी और सीईओ चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन समूह के संस्थापक वेणुगोपाल धूत के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है.

By Samir Kumar | April 8, 2023 2:39 PM

ICICI Bank Loan Fraud Case: सीबीआई (CBI) ने 3250 करोड़ रुपये के लोन फ्रॉड केस में आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व एमडी और सीईओ चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन समूह के संस्थापक वेणुगोपाल धूत के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है. अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी.

इन प्रावधानों के तहत दायर किया गया आरोपपत्र

अधिकारियों ने बताया कि जांच एजेंसी ने आईपीसी की धारा 120-बी और 409 तथा भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के प्रावधानों के तहत आरोपपत्र दायर किया है. अधिकारियों के अनुसार, सीबीआई ने नौ इकाइयों को नामजद किया है, जिनमें कंपनियां और व्यक्ति शामिल हैं. उन्होंने कहा कि आईसीआईसीआई बैंक से चंदा कोचर के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी की अनिवार्य आवश्यकता के बिना सीबीआई मुंबई की एक विशेष अदालत के समक्ष अपनी अंतिम रिपोर्ट दाखिल करने के लिए आगे बढ़ी है. अधिकारियों का कहना है कि मंजूरी के लिए बैंक को एक पत्र भेजा गया था, लेकिन उसके जवाब का इंतजार है. आम तौर पर, विशेष अदालत आरोपपत्र का संज्ञान लेने के लिए आगे बढ़ने से पहले मंजूरी का इंतजार करती है और बाद में पात्र होने पर मुकदमा शुरू करती है.

कोचर दंपति और धूत को पिछले साल दिसंबर में किया गया था गिरफ्तार

अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई की विशेष अदालत ने आरोपपत्र पर अभी तक संज्ञान नहीं लिया है. उन्होंने कहा कि मुकदमा चलाने की मंजूरी से इनकार के मामले में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के प्रावधान लागू नहीं होंगे. एजेंसी ने कोचर दंपति और धूत को पिछले साल दिसंबर में गिरफ्तार किया था. हिरासत के लिए सीबीआई की याचिका का विरोध करते हुए कोचर दंपति की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अमित देसाई अदालत के संज्ञान में एक पत्र ले आए, जिसे आईसीआईसीआई बैंक ने जुलाई 2021 में सीबीआई को लिखा था. पत्र में कहा गया था कि बैंक को किसी भी लेन-देन में कोई गलत नुकसान नहीं हुआ है.

हाई कोर्ट ने 9 जनवरी को कोचर दंपति को दे दी थी जमानत

बंबई हाई कोर्ट ने इस साल 9 जनवरी को कोचर दंपति को जमानत दे दी थी. उच्च न्यायालय ने कहा था कि वर्तमान मामले में गिरफ्तारी का आधार केवल सहयोग नहीं करना और पूर्ण एवं सही खुलासा नहीं करना बताया गया है. पीठ ने कहा था कि कोचर दंपति की सीआरपीसी की धारा 41ए का उल्लंघन है, जो संबंधित पुलिस अधिकारी के समक्ष उपस्थित होने के लिए नोटिस भेजना अनिवार्य करती है. सीबीआई की प्राथमिकी में कोचर दंपति और धूत के साथ ही दीपक कोचर द्वारा प्रबंधित नूपावर रिन्यूएबल्स (एनआरएल), सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को आरोपी बनाया गया है.

जानिए क्या है आरोप

एजेंसी ने आरोप लगाया है कि आईसीआईसीआई बैंक ने धूत द्वारा प्रवर्तित वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को बैंकिंग विनियमन अधिनियम, आरबीआई के दिशा-निर्देशों और बैंक की ऋण नीति का उल्लंघन करते हुए 3,250 करोड़ रुपये की ऋण सुविधाएं मंजूर कीं. इसने यह भी आरोप लगाया कि इसके बदले में धूत ने सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड (SEPL) के माध्यम से नूपावर रिन्यूएबल्स में 64 करोड़ रुपये का निवेश किया और 2010 और 2012 के बीच दीपक कोचर द्वारा प्रबंधित पिनेकल एनर्जी ट्रस्ट को एसईपीएल हस्तांतरित कर दिया.

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