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ICS 2021 : आरआईएल के चेयरमैन मुकेश अंबानी का बड़ा ऐलान, ग्रीन एनर्जी में करेंगे 75,000 करोड़ रुपये का निवेश

अंतरराष्ट्रीय जलवायु शिखर सम्मेलन 2021 में मुकेश अंबानी ने अगले 10 में हाइड्रोजन की लागत को एक डॉलर प्रति किलोग्राम से नीचे लाने के लिए एक 1-1-1 लक्ष्य पेश किया.

International climate summit 2021 : रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय जलवायु शिखर सम्मेलन में बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि हरित ऊर्जा के क्षेत्र में आने वाले तीन साल में करीब 75,000 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे. उन्होंने कहा कि रिलायंस इंडस्ट्रीज वर्ष 2030 तक रिन्यूएबल स्रोतों से 100 गीगावाट बिजली का उत्पादन करेगी, जिसे कार्बन मुक्त ग्रीन हाइड्रोजन में बदला जा सकेगा.

अंतरराष्ट्रीय जलवायु शिखर सम्मेलन 2021 में मुकेश अंबानी ने अगले 10 में हाइड्रोजन की लागत को एक डॉलर प्रति किलोग्राम से नीचे लाने के लिए एक 1-1-1 लक्ष्य पेश किया. इससे सौर और पवन जैसे ऊर्जा के रिन्यूएबल स्रोतों से बिजली पैदा करने पर ध्यान केंद्रित करने से दुनिया के तीसरे सबसे बड़े ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जक देश भारत में कार्बन उत्सर्जन में कटौती करने में मदद मिलेगी.

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ग्रीन हाइड्रोजन में बदलने पर यही बिजली ऑटोमोबाइल के लिए पेट्रोल एवं डीजल, और उद्योग में अन्य ईंधनों की जगह ले सकती है, जिससे जीवाश्म ईंधन, कार्बन उत्सर्जन में कटौती और आयात निर्भरता को कम करने में मदद मिलती है. अंबानी ने कहा कि रिलायंस ग्रीन हाइड्रोजन बनाने की लागत को शुरू में दो डॉलर प्रति किलोग्राम से कम करने और इसे एक दशक में एक डॉलर प्रति किलोग्राम से नीचे लाने के लक्ष्य पर काम करेगी.

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मुकेश अंबानी ने कहा कि रिन्यूएबल संसाधनों से उत्पादित ग्रीन हाइड्रोजन की लागत लगभग तीन डॉलर प्रति किलोग्राम और 6.55 डॉलर प्रति किलोग्राम के बीच होती है. उन्होंने कहा कि प्रचुर मात्रा में सूर्य की रोशनी के साथ भारत केवल 0.5 फीसदी भूभाग पर 1,000 गीगावाट से अधिक सौर ऊर्जा का उत्पादन कर सकता है. देश ने पहले ही 100 गीगावाट स्थापित रिन्यूएबल ऊर्जा क्षमता हासिल कर ली है. दिसंबर 2022 तक 175 गीगावाट का लक्ष्य साफ दिख रहा है.

अंबानी ने कहा कि इसके अलावा, देश ने 2030 तक 450 गीगावाट रिन्युएबल ऊर्जा का लक्ष्य रखा है. उन्होंने कहा कि ग्रीन हाइड्रोजन कार्बन मुक्त ऊर्जा है. यह ऊर्जा का सबसे अच्छा और स्वच्छ स्रोत है, जो दुनिया की कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को कम करने की योजनाओं में एक अहम भूमिका निभा सकता है.

अंबानी ने कहा कि ग्रीन हाइड्रोजन की लागत को शुरुआत में दो डॉलर प्रति किलोग्राम से नीचे लाने के साथ इसे सबसे किफायती ईंधन विकल्प बनाने के लिए वैश्विक स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि मैं आप सभी को आश्वस्त करता हूं कि रिलायंस इस दशक के अंत से पहले आक्रामक रूप से इस लक्ष्य का पीछा करेगी और इसे हासिल कर लेगी.

उन्होंने कहा कि मुझे यकीन है कि भारत एक दशक के भीतर इसे एक डॉलर प्रति किलोग्राम से कम करने का और भी आक्रामक लक्ष्य निर्धारित कर सकता है. उन्होंने कहा कि इससे भारत को ग्रीन हाइड्रोजन के लिए एक दशक में एक डॉलर प्रति (1) किलोग्राम यानी 1-1-1 का लक्ष्य हासिल करने वाला दुनिया का पहला देश बनने में मदद मिलेगी.

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