Home Loan Finance, Eligibility, How To Apply, Interest Rates, Extra Charges, Emi, Processing Fee, Documentation, Tenure: अपना घर हो ये किसकी चाहत नहीं होती. एक रेंटर ही जानता होगा की साल में वह जितना पैसा रेंट में बर्बाद करता है. उसे अपने घर बनाने में इंवेस्ट करे तो एक प्रोपर्टी आने वाली पीढ़ी के लिए तैयार हो सकती है. लेकिन, क्या आपको मालूम है कि घर बनाने में आपकी एक बड़ी भूल आपके कितने पैसे बर्बाद कर सकती है. आइये जानते हैं एक होम लोन के लिए यदि आप अप्लाई करने जा रहे हैं तो किन बातों का ख्याल रखना चाहिए…
आप जिस बैंक से लोन लेना चाह रहे हैं वहां सबसे पहले आपका डॉक्यूमेंट्स देखा जाएगा. ऐसे में आपको अपनी योग्यता बैंक के जरूरत के अनुसार देखनी होगी. आपको बता दें कि होम लोन बहुत हद तक आपके उम्र, इंकम, जीवनसाथी की सैलरी या आय के अन्य श्रोत, टेन्योर व सिबिल स्कोर पर भी निर्भर करता है. कुल मिलाकर कहा जाए तो बैंक आपकी पैसे चुकाने की क्षमता देखता है.
यदि आप नए घर की खरीदारी होम लोन लेकर करना चाह रहे या अपने जमीन पर घर निर्माण करवाना चाह रहे तो बैंक केवल पूरे घर की कीमत का 80 प्रतिशत ही लोन सैंक्शन करती है. बाकी 20 प्रतिशत लोन लेने वाले को पहले खुद से लगाना पड़ता है.
किसी भी व्यक्ति को होम लोन लेने से पहले संबंधित बैंक का रेट ऑफ इंटरेस्ट जरूर चेक कर लेना चाहिए. हालांकि, यह आरबीआई द्वारा तय किया जाता है लेकिन, सभी बैंक के इंटरेस्ट रेट में थोड़ा ऊंच-नीच हो सकता है. साथ ही साथ यह आपके सैलरी, उम्र, टेन्योर, सिबिल स्कोर आदि पर भी निर्भर करता है.
होम लोन के समय आपको ईएमआई पर भी ध्यान देना चाहिए. ज्यादातर बैंकों में 30 साल तक पैसे पेमेंट करने का ऑप्शन मिलता है. लंबी टेन्योर का सीधा असर आपके ईएमआई और इंटरेस्ट रेट पर पड़ता है. इससे इंटरेस्ट रेट काफी बढ़ सकता है. ऐसे में यदि आप 30 साल तक पेमेंट करने का ऑप्शन ले रहें तो कोई बात नहीं, संभव हो तो इससे पहले ही पूरी अमाउंट चुकता करने की कोशिश करनी चाहिए. जिससे रेट ऑफ इंटरेस्ट में भी कटौती होती है.
अगर आपका प्रोफाइल सही है और आप सैलरी धारक हैं तो आपका लोन ज्यादा से ज्यादा 5-8 वर्किंग डे में सैंक्शन कर दिया जाएगा. यदि आप खुद का बिजनेस चला रहें तो आपको 8-15 दिन में लोन सैंक्शन किया जा सकता है. इससे ज्यादा देर होने से आप बैंक अधिकारी से अपना स्टेटस जान सकते हैं.
लोन पर क्या अतिरिक्त चार्ज लिया जा रहा इसपर भी ध्यान देने की जरूरत है. कई बार कुछ एजेंट्स अपना पॉकेट भरने के लिए मैप, डॉक्यूमेंट्स प्रोसेसिंग, लोन प्रोसेसिंग, कानूनी शुल्क से लेकर लोन फोरक्लोजर शुल्क भी जोड़ लेते है. ऐसे में आपको इन बैंकों पर ध्यान देना होगा कि ये कितने पारदर्शी रूप से काम कर रहे हैं.
क्योंकि होम लोन काफी लंबे समय के लिए होता है. ऐसे में लोन प्राप्तकर्ता के पास इस बीच कोई आर्थिक समस्या भी एकाएक आ सकती है. ऐसे में बुरे कंडीशन के लिए कई लोन देने वाली कंपनियां फ्लेक्सिबल ईएमआई का ऑफर भी देती है. जिसके बारे आपको पता होना चाहिए.
Posted By: Sumit Kumar Verma
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