EPFO News : कोरोना महामारी में अगर किसी कर्मचारी की जान नौकरी के दौरान चली गई हो, तो उसके आश्रित परिवार को आर्थिक सहायत प्रदान करने के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की ईडीएलआई योजना के तहत न्यूनतम ढाई लाख रुपये के भुगतान का प्रावधान है. इस योजना के तहत कोरोना महामारी में दो साल की अवधि के दौरान मृतक कर्मचारियों के सदस्यों को न्यूनतम भुगतान का लाभ दिया जाना था. खबर है कि ईपीएफओ ने सभी क्षेत्रीय कार्यालयों से ईडीएलआई योजना के तहत उन पात्र परिवारों को बकाया राशि के भुगतान करने का निर्देश दिया है, जिन्हें अब तक इस योजना का लाभ नहीं मिल पाया है. इसके साथ ही, ईपीएफओ ने बकाया राशि का भुगतान करने के बाद 15 दिन के बाद रिपोर्ट सौंपने का भी निर्देश दिया है.
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की ओर से 2 जनवरी 2023 को जारी किए गए एक सर्कुलर में संगठन के सभी क्षेत्रीय कार्यालयों को निर्देश देते हुए कहा गया है कि जीएसआर 170 (ई) 15 फरवरी 2018 (15 फरवरी 2018 से प्रभावी) के तहत ईडीएलआई योजना में 2.5 लाख रुपये के न्यूनतम आश्वासन लाभ के प्रावधान पेश किए गए थे. यह प्रावधान आधिकारिक राजपत्र में इस योजना के प्रकाशन की तारीख से केवल दो वर्ष की अवधि के लिए वैध था.
ईपीएफओ के सर्कुलर में कहा गया है कि इस न्यूनतम लाभ की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए जीएसआर संख्या 299 (ई) 28 अप्रैल 2021 के तहत ईडीएलआई योजना के पैरा 22(3) के तहत देय न्यूनतम आश्वासन लाभ को 15 फरवरी 2020 से पूर्वव्यापी रूप से 2.5 लाख रुपये के रूप में अधिसूचित किया गया है. इसलिए लाभार्थियों के लिए एक अतिरिक्त आश्वासन लाभ राशि देय हो गई, जहां मृतक सदस्य की मृत्यु 14 फरवरी 2020 के बाद हो सकती है और बीच की अवधि के दौरान आश्वासन लाभ का भुगतान पैरा 22(3) के तहत किया गया था, लेकिन तत्कालीन योजना प्रावधानों के अनुसार ईडीएलआई योजना में प्रासंगिक प्रावधान के अभाव में 2.50 लाख रुपये से कम था.
ईपीएफ क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त-I (पेंशन एवं ईडीएलआई) अपराजिता जग्गी की ओर से जारी सर्कुलर में कहा गया है कि एक बार प्रासंगिक प्रावधान अधिसूचित होने के बाद ईडीएलआई योजना के तहत इस तरह के अतिरिक्त भुगतान के लिए लाभार्थी द्वारा पूरक दावा दाखिल करने की कोई अतिरिक्त आवश्यकता नहीं थी. उन्होंने सर्कुलर में कहा है कि 10 जून 2021 को कार्यक्षमता जारी करने के बाद से अपनाई जा रही प्रक्रिया वही है, जो पिछली अवधि यानी 15 फरवरी 2018 से 14 फरवरी 2020 के लिए अतिरिक्त भुगतान जारी करने के लिए अपनाई गई थी. आईएस डिवीजन ने जीएसआर 28 अप्रैल 2021 के अनुसार संशोधनों को लागू करने के लिए दावा मॉड्यूल (ईडीएलआई स्पेशल) में संशोधन को शामिल करते हुए 10 जून 2021 को कार्यक्षमता 8.93 का उल्लेख किया था.
सर्कुलर में कहा गया है कि हाल ही में, कोलकाता स्थित लेखापरीक्षा महानिदेशक की ओर से यह इंगित किया गया है कि 15 फरवरी 2018 के संशोधन के बाद पात्र कर्मचारियों की मृत्यु के कुछ मामलों में ईडीएलआई लाभ की गणना की गई और नामितों को भुगतान 2.5 रुपये के निर्धारित न्यूनतम आश्वासन लाभ से कम था. इस घटना से यह आशंका पैदा हुई है कि कम भुगतान के ऐसे ही मामले अन्य क्षेत्रीय कार्यालयों में भी मौजूद हो सकते हैं. यदि सही है, तो ऐसे मामलों की तुरंत पहचान करने की आवश्यकता है और बिना किसी और देरी के लाभार्थियों को उचित लाभ तुरंत जारी करने की आवश्यकता है.
सर्कुलर में कहा गया है कि सभी जोनल कार्यालयों से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया जाता है कि उनके संबंधित क्षेत्राधिकार में क्षेत्रीय कार्यालय ऐसे सभी ईडीएलआई दावों की पहचान करेंगे, जहां जीएसआर 299 (ई) दिनांक 28.04.2021 में परिभाषित न्यूनतम लाभ का भुगतान बीच की अवधि में नहीं किया गया हो और यदि कोई देय लाभ बाकी हो, तो शेष राशि तुरंत जारी की जाएगी.
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रिपोर्ट में कहा गया है कि आंचलिक कार्यालय द्वारा इस कार्यालय को एक समेकित रिपोर्ट भेजी जाएगी, जिसमें यह पुष्टि की जाएगी कि सभी पात्र मामलों में न्यूनतम ईडीएलआई लाभ दिए गए हैं और कम भुगतान का कोई मामला नहीं है. इसमें कहा गया है कि 16 जनवरी 2023 को या उससे पहले 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट भेजी जानी है.
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