नई दिल्ली : देश के घरों में पाइपलाइन के जरिए सप्लाई की जाने वाली रसोई गैस (पीएनजी) की कीमतों से परेशान उपभोक्ताओं के लिए एक अच्छी खबर है. इसकी कीमतों को कम करने को लेकर केंद्र की मोदी सरकार एक्शन में आ गई, लगती है. सरकार की ओर से एलपीजी गैसे की कीमतों को लेकर जिस प्रकार के कदम उठाए जा रहे हैं, उससे तो यही लगता है कि आने वाले दिनों में देश में रसोई गैस का इस्तेमाल करने वाले करोड़ों उपभोक्ताओं राहत मिल सकती है. खासकर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से शुक्रवार को किए गए एक ट्वीट पर गौर किया जाए, तो इससे यही संकेत मिलते हैं कि आने वाले दिनों में उपभोक्ताओं को रसोई गैस की बढ़ती कीमतों से राहत मिल सकती है. यह बात दीगर है कि केंद्रीय कैबिनेट ने रसोई गैस के दाम घटाने के लिए जिस फॉर्मूले को मंजूरी दी है, उससे सीएनजी-पीएनजी उपभोक्ताओं को तो फायदा होगा, लेकिन एलपीजी के करोड़ों उपभोक्ताओं का क्या होगा? क्या उन्हें सरकार के इस फॉर्मूले से फायदा होगा? आइए, जानते हैं सरकार का फॉर्मूला और फिर जानते हैं कि इससे किसे फायदा होगा?
मूल्य निर्धारण के लिए गाइडलाइन जारी करेगी सरकार
समाचार एजेंसी भाषा की एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा संशोधित घरेलू गैस मूल्य निर्धारण दिशानिर्देशों को मंजूरी दिए जाने से उपभोक्ताओं के लिए कई लाभ होंगे और यह इस क्षेत्र के विकास के लिए एक सकारात्मक कदम है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक महत्वपूर्ण फैसला करते हुए बुधवार को संशोधित घरेलू गैस मूल्य निर्धारण दिशानिर्देशों को मंजूरी दे दी. नए दिशानिर्देशों के तहत अब प्राकृतिक गैस की कीमत भारतीय कच्चे तेल के दाम के मासिक औसत का 10 फीसदी होगी.
10 फीसदी घटेंगी सीएनजी-पीएनजी की कीमतें
बताते चलें कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को प्राकृतिक गैस की कीमत तय करने के लिए नए फॉर्मूले को मंजूरी दी. इसके साथ ही, सीएनजी और पाइप से आपूर्ति की जाने वाली रसोई गैस की कीमतों पर अधिकतम सीमा भी तय की गई है, जिससे इनकी कीमतें 10 फीसदी तक घटेंगी. सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल ने एपीएम गैस के लिए चार डॉलर प्रति एमएमबीटीयू के आधार मूल्य को मंजूरी दी है और अधिकतम मूल्य 6.5 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू रखने पर मुहर लगाई है.
कच्चे तेल के मूल्य से तय होगी गैस की कीमत
उन्होंने बताया कि एपीएम गैस के रूप में जानी जाने वाली पारंपरिक या पुराने क्षेत्रों से उत्पादित प्राकृतिक गैस को अब अमेरिका, कनाडा और रूस जैसे अधिशेष देशों की तरह कच्चे तेल की कीमतों से जोड़ा जाएगा. पहले इनका मूल्य निर्धारण गैस कीमतों के आधार पर होता था. इस फैसले के बाद एक अप्रैल से एपीएम गैस की कीमत भारतीय बास्केट में कच्चे तेल के दाम का 10 फीसदी होगी. हालांकि, यह कीमत 6.5 डॉलर प्रति दस लाख ब्रिटिश ताप इकाई (एमएमबीटीयू) से अधिक नहीं होगी. मौजूदा गैस कीमत 8.57 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू है.
हरेक महीने तय होगा दाम
उन्होंने बताया कि गैस की कीमतों का निर्धारण प्रत्येक महीने होगा, जबकि अब तक इनकी साल में दो बार समीक्षा की जाती थी. उन्होंने कहा कि पाइपलाइन वाली रसोई गैस (पीएनजी) की कीमतों में 10 प्रतिशत तक की कटौती की जाएगी, जबकि सीएनजी में थोड़ी कम कमी होगी. पीएनजी और सीएनजी की दरें अगस्त 2022 तक एक साल में 80 फीसदी तक बढ़ गई हैं. इनकी कीमतें अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा कीमतों के आधार पर तय होती हैं.
Also Read: LPG Price : कम होगी रसोई गैस की कीमत ? एलपीजी सब्सिडी को लेकर जान लें खास बात
कैसे तय होंगे दाम
सरकार के इस फैसले के बाद दिल्ली में सीएनजी की कीमत 79.56 रुपये प्रति किलो से घटकर 73.59 रुपये प्रति किलो और पीएनजी की कीमत 53.59 रुपये प्रति हजार घन मीटर से घटकर 47.59 रुपये प्रति हजार घन मीटर हो जाएगी. मुंबई में सीएनजी की कीमत 87 रुपये की जगह 79 रुपये प्रति किलोग्राम और पीएनजी की कीमत 54 रुपये की जगह 49 रुपये प्रति हजार घन मीटर होगी. भारतीय बास्केट में कच्चे तेल के दाम इस समय 85 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल है और इसका 10 प्रतिशत 8.5 अमेरिकी डॉलर है. हालांकि, मूल्य सीमा के चलते एपीएम गैस के लिए ओएनजीसी और ऑयल इंडिया लिमिटेड को केवल 6.5 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू कीमत मिलेगी.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.