नये टैक्स स्लैब का लेना है फायदा तो कंपनी को देनी होगी इन्फॉर्मेशन, नहीं तो कट जाएगा TDS
अगर आप नौकरी-पेशा हैं और आप टीडीएस (स्रोत पर टैक्स की कटौती) से बचना चाहते हैं और आप यदि नये टैक्स स्लैब का फायदा उठाना चाहते हैं, तो आपको अपने नियोक्ता (यानी अपनी कंपनी जहां आप जॉब करते हैं) को इसकी जानकारी देनी होगी.
नयी दिल्ली : अगर आप नौकरी-पेशा हैं और आप टीडीएस (स्रोत पर टैक्स की कटौती) से बचना चाहते हैं और आप यदि नये टैक्स स्लैब का फायदा उठाना चाहते हैं, तो आपको अपने नियोक्ता (यानी अपनी कंपनी जहां आप जॉब करते हैं) को इसकी जानकारी देनी होगी. विशेषज्ञों और आयकर विभाग की ओर से अभी हाल ही में जारी सर्कुलर के अनुसार, नौकरी-पेशा लोगों को चालू वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान नयी इनकम टैक्स सिस्टम का विकल्प चुनने के लिए अपनी कंपनी को जानकारी देनी होगी. यदि वे ऐसा नहीं करते हैं, तो उनकी कंपनी पुरानी टैक्स प्रणाली के तहत टीडीएस की कटौती कर लेगी. बता दें कि वित्त वर्ष 2020-21 के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पर्सनल इनकम टैक्सपेयर्स के लिए नयी वैकल्पिक प्रणाली का ऐलान किया है.
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नयी प्रणाली में टैक्स की दरें रखी गयी हैं कम : अगर आप नयी कर प्रणाली का विकल्प को चुनते हैं, तो इसके तहत टैक्सपेयर्स के लिए टैक्स की दरें कम रखी गयी हैं. वहीं, नयी कर प्रणाली के तहत एचआर (मानव संसाधन), होम लोन के ब्याज, जीवन बीमा पॉलिसी में निवेश सहित धारा 80सी, 80डी और 80सीसीडी के तहत मिलने वाली कर छूट का लाभ इसमें नहीं दिया जाएगा. आपको यह भी बता दें कि कम टैक्स दर वाली आयकर प्रणाली को वैकल्पिक तौर पर रखा गया है. टैक्सपेयर्स यह विकल्प के तौर पर ही मुहैया कराया जाएगा कि वह पुरानी कर व्यवस्था के तहत ही आयकर का भुगतान करेगा या फिर नयी कर प्रणाली के तहत.
टैक्स के दायरे में नहीं है ढाई लाख रुपये तक सालाना इनकम : सीबीडीटी यानी केंद्रीय प्रत्यक्षकर बोर्ड की ओर से अभी हाल ही में जारी सर्कुलर में इस बात का जिक्र किया गया है कि नयी कर प्रणाली के मुताबिक 2,50,000 रुपये तक की सालाना आय कर मुक्त रखी गयी है. यह सुविधा पुरानी प्रणाली में भी उपलब्ध है. नयी प्रणाली में 2,50,000 से 5,00,000 रुपये तक की सालाना आय पर पांच फीसदी की दर से आयकर लिया जाएगा. वहीं, 5,00,000 लाख से 7.5 लाख पर 10 फीसदी, 7.5 से लेकर 10 लाख रुपये की आय पर 15 फीसदी की दर से और 10 लाख से लेकर 12.5 लाख रुपये की आय पर 20 फीसदी, 12.5 से 15 लाख रुपये की वार्षिक आय पर 25 फीसदी और 15 लाख रुपये सालाना से अधिक की आय पर 30 फीसदी की दर से आयकर का प्रावधान किया गया है.
नयी कर प्रणाली अपनाने वाले कर्मचारी नियोक्ता को देंगे जानकारी : सीबीडीटी के जारी एक सर्कुलर अनुसार, जो कर्मचारी इनकम टैकस की नयी प्रणाली को अपनाना चाहते हैं, उन्हें इस बारे में अपने नियोक्ता को जानकारी देनी होगी. सीबीडीटी के अनुसार, यदि कर्मचारी इस तरह की सूचना नहीं देता है, तो नियोक्ता आयकर कानून की धारा 115बीएसी के प्रावधानों को विचार में लिए बिना ही टीडीएस की गणना करेगा. अन्यथा दूसरी स्थिति में कटौती करने वाला नियोक्ता कर्मचारी की कुल आय की गणना और उस पर आयकर कानून की धारा 115बीएसी के प्रावधानों के तहत टीडीएस तैयार करेगा. यानी कुल मिलाकर यह कि नियोक्ता को नयी कर प्रणाली अपनाने वाले कर्मचारी यदि अपने नियोक्ता को इसकी जानकारी नहीं देते हैं, तो पुरानी प्रणाली के तहत नियोक्ता उनके वेतन से टीडीएस की कटौती कर लेगा.
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