Income Tax बचाना है तो इस योजनाओं में अभी करें निवेश, 30 जून तक भरना होगा टैक्स
नयी दिल्ली : कोरोनावायरस महामारी बढ़ते संक्रमण को कम करने के लिए केंद्र सरकार ने 25 मार्च से देश भर में लॉकडाउन लगाया था. लॉकडाउन की वजह से सकार ने आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 30 जून कर दिया है. ऐसे में करदाताओं को बड़ी राहत मिली है. अंतिम तिथि में सिर्फ 8 दिन शेष बचे हैं. ऐसे में आज कुछ सेविंग स्कीम में निवेश कर अपना टैक्स बचा सकते हैं. इसमें एक नाम एनपीएस (नेशनल पेंशन स्कीम) है. इसमें पैसे लगाकर आप टैक्स में छूट ले सकते हैं.
अंतिम समय में टैक्स बचाने का एक और उपाय बैंकों के पास है. कई बड़े बैंक अपने ग्राहकों को टैक्स सेविंग एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट) ऑफर कर रहे हैं. इसमें निवेश कर आप 5.5 से 6 फीसदी तक ब्याज कमा सकते हैं. इसमें आपके पैसे पांच साल के लॉक इन अवधि में रहते हैं. इस स्कीम में निवेश करने के बाद आपको जो ब्याज मिलता है वह टैक्स के दायरे में आता है.नयी दिल्ली : कोरोनावायरस महामारी बढ़ते संक्रमण को कम करने के लिए केंद्र सरकार ने 25 मार्च से देश भर में लॉकडाउन लगाया था. लॉकडाउन की वजह से सकार ने आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 30 जून कर दिया है. ऐसे में करदाताओं को बड़ी राहत मिली है. अंतिम तिथि में सिर्फ 8 दिन शेष बचे हैं. ऐसे में आज कुछ सेविंग स्कीम में निवेश कर अपना टैक्स बचा सकते हैं. इसमें एक नाम एनपीएस (नेशनल पेंशन स्कीम) है. इसमें पैसे लगाकर आप टैक्स में छूट ले सकते हैं.
एनपीएस के अलावा आप वैसे किसी भी निवेश को चुन सकते हैं जिसपर आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत छूट का प्रावधान है. इनमें पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) और टैक्स सेविंग बैंक एफडी जैसे विकल्प मौजूद हैं. इनकम टैक्ट का नया नियम 1 अप्रैल 2020 से लागू हो गया है, लेकिन जो करदाता पुरानी व्यवस्था के तहत कर अदा करना चाहते हैं वो कर सकते हैं. करदाताओं के पास दोनों विकल्प मौजूद हैं.
कोविड-19 के इस संकट भरे दौर में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इस बार नये आईटीआर फॉर्म में एक विशेष प्रावधान जोड़ दिया है. अगर आपने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 1 अप्रैल से 30 जून तक टैक्स सेविंग स्कीम में निवेश किया है तो आपको इस विशेष प्रावधान के तहत इसकी जानकारी देनी होगी. इसे शेड्यूल डीआई या शेड्यूल डिलेड इंवेस्टमेंट नाम दिया गया है. इसके जरिये आप पिछले वित्त वर्ष के लिए टैक्स में छूट का दावा कर सकते हैं.
भारतीय स्टेट बैंक, एचडीएफसी बैक, आईसीआईसीआई बैंक जैसे सभी बड़े बैंक अपने ग्राहकों को ऑनलाइन पीपीएफ अकाउंट खोलने की सुविधा देते हैं. निवेशक ऑनलाइन माध्यम से ही अपने बैंक अकाउंट से पैसा पीपीएफ अकाउंट में ट्रांसफर कर सकते हैं. निवेशक पीपीएफ अकाउंट स्टेटमेंट निकाल सकते हैं और इसे प्रूफ के रूप में जमा कर टैक्स में छूट का दावा कर सकते हैं. पीपीएफ अकाउंट में आप एक साल में 500 रुपये से लेकर 1.5 लाख रुपये तक निवेश कर सकते हैं.
अंतिम समय में टैक्स बचाने का एक और उपाय बैंकों के पास है. कई बड़े बैंक अपने ग्राहकों को टैक्स सेविंग एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट) ऑफर कर रहे हैं. इसमें निवेश कर आप 5.5 से 6 फीसदी तक ब्याज कमा सकते हैं. इसमें आपके पैसे पांच साल के लॉक इन अवधि में रहते हैं. इस स्कीम में निवेश करने के बाद आपको जो ब्याज मिलता है वह टैक्स के दायरे में आता है.
Posted By: Amlesh Nandan Sinha.
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