पीएम मोदी की राजकीय यात्रा के बीच इफको ने अमेरिका को नैनो यूरिया का निर्यात किया शुरू
इफको की ओर से नैनो यूरिया (भारतीय नवाचार) की कुल पांच लाख से अधिक बोतलें 25 से अधिक देशों में निर्यात किया जाता है. भारत में इसकी 5.7 करोड़ से अधिक बोतलें बिक चुकी हैं. नैनो यूरिया बेहतर पोषण गुणवत्ता के साथ उत्पादन बढ़ाता है और रासायनिक उर्वरक के उपयोग को भी कम करता है.
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राजकीय यात्रा के बीच सहकारी संस्था इफको ने गुरुवार को नैनो यूरिया को अमेरिका में निर्यात करना शुरू कर दिया है. सहकारी संस्था इफको ने ऐलान किया है कि उसने भारत में अपनी तरह की स्वदेशी खोज और निर्मित नैनो यूरिया का निर्यात अमेरिका में करना शुरू कर दिया है. इफको की ओर से यह घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका की चल रही राजकीय यात्रा के बीच की गई है.
नैनो यूरिया कृषि क्षेत्र में एक क्रांति
सहकारी संस्था की ओर से जारी की गई एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि इफको के नैनो यूरिया को अमेरिका में निर्यात करने के संबंध में इफको और कपूर एंटरप्राइजेज इंक ऑफ कैलिफोर्निया के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं. नैनो यूरिया कृषि क्षेत्र में एक क्रांति है, क्योंकि इसमें फसल की पैदावार में सुधार करते हुए भंडारण स्थान और पैसे की लागत को कम करने की क्षमता है. विज्ञप्ति ने कहा कि इफको नैनो यूरिया लिक्विड की 500 मिलीलीटर की बोतल पारंपरिक यूरिया के कम से कम एक बैग को बदलने की क्षमता रखती है.
नैनो यूरिया का 25 देशों में किया जाता है निर्यात
अब तक इफको की ओर से नैनो यूरिया (भारतीय नवाचार) की कुल पांच लाख से अधिक बोतलें 25 से अधिक देशों में निर्यात किया जाता है. भारत में इसकी 5.7 करोड़ से अधिक बोतलें बिक चुकी हैं. नैनो यूरिया बेहतर पोषण गुणवत्ता के साथ उत्पादन बढ़ाता है और रासायनिक उर्वरक के उपयोग को भी कम करता है. नैनो यूरिया लिक्विड को इफको के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की ओर से कई वर्षों के समर्पित और ईमानदार शोध के बाद स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है.
इफको ने डीएपी लिक्विड भी किया पेश
विज्ञप्ति में कहा गया है कि इसके अलावा, इफको ने नैनो डीएपी लिक्विड भी पेश किया है, जो दुनिया भर के किसानों के लिए उपलब्ध है. पौधों की उत्पादकता बढ़ानेक के लिए नैनो डीएपी भी एक प्रभावी समाधान है. यह पारंपरिक डीएपी से काफी सस्ता है.
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कृषि उद्योग में गेम-चेजिंग नवाचार हैं नैनो यूरिया और डीएपी
इफको ने कहा कि फसलों में डाले जाने वाले अतिरिक्त यूरिया और डीएपी पर्यावरण प्रदूषण का कारण बनता है और मिट्टी के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है. इतना ही नहीं, पौधों की बीमारी और कीड़ों के संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील बनाता है. साथ ही, फसल की परिपक्वता में देरी और उत्पादन में हानि होती है. नैनो यूरिया का लिक्विड फसलों को मजबूत और स्वस्थ बनाता है और उन्हें रोग के प्रभाव से बचाता है. उसने कहा कि नैनो यूरिया और नैनो डीएपी दोनों ही कृषि उद्योग में गेम-चेजिंग नवाचार हैं, जो टिकाऊ कृषि की ओर ले जाते हैं.
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