IMF Chief on Indian Economy: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रबंध निदेशक क्रिस्टलिना जॉर्जीवा ने भारतीय अर्थव्यवस्था के 2025 में ‘थोड़ा कमजोर’ रहने की संभावना जताई है. उन्होंने कहा कि वैश्विक वृद्धि स्थिर रहने के बावजूद क्षेत्रीय अंतर देखने को मिल सकते हैं.
वैश्विक अर्थव्यवस्था और भारत की स्थिति
जॉर्जीवा ने कहा कि अमेरिका की मजबूत अर्थव्यवस्था और यूरोपीय संघ की स्थिरता के बीच भारत की विकास दर थोड़ी कमजोर हो सकती है. हालांकि, उन्होंने भारत की आर्थिक स्थिति के बारे में अधिक विवरण साझा नहीं किया.
चीन और दूसरे देशों की स्थिति
चीन की अर्थव्यवस्था को घरेलू मांग और मुद्रास्फीति की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, ब्राजील उच्च मुद्रास्फीति से जूझ रहा है. इसके अलावा, निम्न आय वाले देशों के लिए वैश्विक झटकों का प्रभाव गंभीर हो सकता है.
अमेरिका की व्यापार नीति का प्रभाव
जॉर्जीवा ने अमेरिकी व्यापार नीतियों की अनिश्चितता पर भी जोर दिया. 20 जनवरी 2025 को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने वाले डोनाल्ड ट्रंप ने अतिरिक्त शुल्क लगाने की योजना की घोषणा की है. इससे वैश्विक आपूर्ति शृंखला में शामिल देशों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.
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भारत के लिए चुनौतियां
आईएमएफ के अनुसार, वैश्विक अर्थव्यवस्था में उच्च दीर्घकालिक ब्याज दरों और अनिश्चित नीतियों के चलते भारत सहित कई देशों को आर्थिक दबाव का सामना करना पड़ सकता है. विश्व अर्थव्यवस्था परिदृश्य की आगामी रिपोर्ट में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अधिक जानकारी सामने आ सकती है. जॉर्जीवा ने कहा कि 2025 में आर्थिक नीतियों को लेकर अनिश्चितता बनी रहेगी, जो मध्यम आकार की अर्थव्यवस्थाओं और एशियाई क्षेत्र के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती है.
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