Loading election data...

आईएमएफ ने घटाया 2021-22 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर अनुमान, कोरोना ने अर्थव्यवस्था को किया प्रभावित

आईएमएफ के पहले भी कर्ज देने वाले कई बहुपक्षीय संस्थानों ने अपनी ताजा रिपोर्ट में भी भारत की आर्थिक वृद्धि में गिरावट आने की आशंका जाहिर की है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 27, 2021 7:50 PM

नई दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान आर्थिक गतिविधि और मांग पर गंभीर प्रभाव को देखते हुए वित्त वर्ष 2021-22 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर को घटाकर 9.5 फीसदी कर दिया है. इसके पहले, आईएमएफ ने भारत की जीडीपी वृद्धि दर 12.5 फीसदी रहने का अनुमान जाहिर किया था. इसके साथ ही, उसने वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान जीडीपी वृद्धि दर 8.5 फीसदी रहने का अनुमान जाहिर किया है.

हालांकि, आईएमएफ के पहले भी कर्ज देने वाले कई बहुपक्षीय संस्थानों ने अपनी ताजा रिपोर्ट में भी भारत की आर्थिक वृद्धि में गिरावट आने की आशंका जाहिर की है. वैश्विक संस्था आईएमएफ ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान मार्च से लेकर मई के बाद भारत में आर्थिक वृद्धि प्रभावित हुई है और आर्थिक सुधार की गति में कमी आई है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि जब तक आबादी का एक हिस्सा वायरस और इसके म्यूटेशन के प्रति संवेदनशील रहता है, तब तक कहीं भी रिकवरी तय नहीं होती है. उसने कहा कि उन देशों में रिकवरी गंभीर रूप से प्रभावित हुई है, जिनमें कोरोना महामारी की लहरों को नए सिरे से अनुभव किया है. कोरोना महामारी का असर विशेष रूप से भारत पर भी पड़ा है.

इसके पहले, 9 जून को विश्वबैंक ने भी वित्त वर्ष 2021-22 के लिए भारत की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर अनुमान को पहले जताए गए 10.1 फीसदी से घटाकर 8.3 फीसदी कर दिया. उसने कहा था कि कोरोना महामारी की अबतक की सबसे खतरनाक दूसरी लहर से आर्थिक पुनरूद्धार को नुकसान पहुंचा है. कर्ज देने वाला बहुपक्षीय संस्थान ने 2022-23 में आर्थिक वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत रहने की संभावना जताई है.

Also Read: Ambani एक मिनट में कमाते हैं करीब 23 लाख, इन 3 देशों के GDP जोड़कर भी नहीं है उनकी प्रॉपर्टी के बराबर

Posted by : Vishwat Sen

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version