20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

आईएमएफ ने 2022 के लिए भारत की वृद्धि दर अनुमान को घटाया, आर्थिक गतिविधियां और मांग में आई कमजोरी

आईएमएफ ने वैश्विक आर्थिक वृद्धि के भी वर्ष 2022 में 3.2 फीसदी रहने का अनुमान जताया है, जो कि नई सदी में सबसे सुस्त वृद्धि होगी. वर्ष 2021 में वैश्विक वृद्धि छह फीसदी पर रही, लेकिन अगले साल इसके 2.7 फीसदी तक खिसक जाने की आशंका है.

वाशिंगटन : अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने वर्ष 2022 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटा दिया है. वैश्विक वित्तीय संस्था आईएमएफ ने भारत की आर्थिक वृद्धि दर को घटाकर 6.8 फीसदी कर दिया है. इससे पहले आईएमएफ ने जुलाई में भारत की वृद्धि दर 7.4 फीसदी रहने का अनुमान जाहिर किया था. हालांकि वह अनुमान भी इस साल जनवरी में आए 8.2 फीसदी के वृद्धि अनुमान से काफी कम था. बता दें कि वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान भारत की आर्थिक वृद्धि दर 8.7 फीसदी रही है.

आर्थिक गतिविधियों और बाहरी मांग में कमजोरी के संकेत

आईएमएफ ने विश्व आर्थिक परिदृश्य को लेकर मंगलवार को जारी अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि इस साल भारत की वृद्धि दर 6.8 फीसदी ही रहने की संभावना दिख रही है. यह जुलाई में जाहिर किए गए पिछले अनुमान से 0.6 फीसदी कम है. यह दूसरी तिमाही में आर्थिक गतिविधियों के उम्मीद से कमजोर रहने और बाहरी मांग में भी कमी आने की ओर इशारा करता है. इसके पहले विश्व बैंक जैसी कई अन्य संस्थाएं भी भारत के वृद्धि के अनुमान में कटौती कर चुकी हैं. विश्व बैंक ने पिछले हफ्ते भारत की आर्थिक वृद्धि के अनुमान को 7.5 प्रतिशत से घटाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया था.

अर्थव्यवस्था में सुस्ती के कारण अनुमान में आई गिरावट

आईएमएफ ने वैश्विक आर्थिक वृद्धि के भी वर्ष 2022 में 3.2 फीसदी रहने का अनुमान जताया है, जो कि नई सदी में सबसे सुस्त वृद्धि होगी. वर्ष 2021 में वैश्विक वृद्धि छह फीसदी पर रही, लेकिन अगले साल इसके 2.7 फीसदी तक खिसक जाने की आशंका है. मुद्राकोष ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि इस अनुमान में गिरावट का सीधा संबंध बड़ी अर्थव्यवस्था में आ रही व्यापक सुस्ती से है. आईएमएफ के मुताबिक, वर्ष 2022 की पहली छमाही में अमेरिका का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) सिकुड़ गया, दूसरी छमाही में यूरोपीय देशों की अर्थव्यवस्था में संकुचन है और चीन में कोरोना का प्रकोप अभी तक बना हुआ है.

Also Read: फ्री में चीजें बांटकर भारी आर्थिक संकट में फंस जाएगा भारत? जानिए क्या कहते हैं आईएमएफ और नीति निर्धारक
बड़ी चुनौतियों का सामना कर रही वैश्विक अर्थव्यवस्था

आईएमएफ के शोध निदेशक एवं आर्थिक परामर्शदाता पियरे ओलिवर गोरिंचेस ने इस रिपोर्ट की भूमिका में कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था अब भी बड़ी चुनौतियों का सामना कर रही है. उन्होंने कहा कि यूक्रेन पर रूस के हमले, मुद्रास्फीतिक दबाव से जीवन व्यतीत करने में मुश्किलें आने और चीन में सुस्ती से कई असर हो रहे हैं. इसके साथ ही, उन्होंने चेतावनी भी दी कि वर्ष 2023 में मुश्किलें अभी और बढ़ सकती हैं. उन्होंने कहा कि दुनिया की तीन बड़ी अर्थव्यवस्थाएं- अमेरिका, यूरोपीय संघ और चीन थमी रहेंगी. संक्षेप में कहें तो सबसे बुरा होना अभी बाकी है. कई लोगों के लिए 2023 का साल मंदी की तरह महसूस होगा.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें