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IMF का बढ़ा भारत की अर्थव्यवस्था पर भरोसा, बढ़ाया आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान, चीन भी रहेगा पीछे

Indian Economy: अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) ने एक बार फिर से भारत की अर्थव्यवस्था पर भरोसा जताया है. संस्थान ने इस साल भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है.

Indian Economy: अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) ने एक बार फिर से भारत की अर्थव्यवस्था पर भरोसा जताया है. संस्थान ने इस साल भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है. यह अप्रैल में जताये गये अनुमान के मुकाबले 0.2 प्रतिशत अधिक है. आईएमएफ ने कहा कि ताजा अनुमान मजबूत घरेलू निवेश के परिणामस्वरूप 2022 की चौथी तिमाही में उम्मीद से कहीं बेहतर आर्थिक वृद्धि की गति आगे भी जारी रहने का संकेत देता है. आईएमएफ ने अपने ताजा विश्व आर्थिक परिदृश्य में कहा कि भारत की वृद्धि दर 2023 में 6.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है. यह अप्रैल में जताये गये अनुमान से 0.2 प्रतिशत अधिक है. रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि वैश्विक स्तर पर वृद्धि दर 2022 के 3.5 प्रतिशत के अनुमान के मुकाबले 2023 और 2024 में कम होकर तीन प्रतिशत रहने की संभावना है. 2023 के लिये अनुमान इस साल अप्रैल में जताये गये अनुमान से कुछ बेहतर है लेकिन ऐतिहासिक मानदंडों के आधार पर वृद्धि दर कमजोर बनी हुई है.

वैश्विक स्तर पर खुदरा मुद्रास्फीति घटी

IMF की रिपोर्ट में कहा गया है कि मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिये केंद्रीय बैंक के नीतिगत दर में वृद्धि से आर्थिक गतिविधियों पर असर पड़ा है. वैश्विक स्तर पर खुदरा मुद्रास्फीति 2022 के 8.7 प्रतिशत से घटकर 2023 में 6.8 प्रतिशत और 2024 में 5.2 प्रतिशत पर आने की संभावना है. मुद्राकोष ने कहा कि अमेरिका में कर्ज सीमा को लेकर गतिरोध के हाल में समाधान और इस साल की शुरुआत में अमेरिका तथा स्विट्जरलैंड में कुछ बैंकों के विफल होने के बाद उद्योग में उथल-पुथल रोकने के लिये अधिकारियों के कड़े कदम से वित्तीय क्षेत्र में उतार-चढ़ाव का जोखिम कम हुआ है. इससे परिदृश्य को लेकर जोखिम कुछ कम हुआ है. हालांकि, वैश्विक वृद्धि को लेकर जोखिम अभी बना हुआ है. संस्थान के द्वारा चीन की जीडीपी वृद्धि दर वित्त वर्ष 2023 में 5.2 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि वित्त वर्ष 2024 में इसके 4.5 फीसदी रहने का अनुमान जाहिर किया गया है.

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यूक्रेन युद्ध और मौसम से जुड़ी चुनौतियां बनेगी परेशानी

अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने अपने रिपोर्ट में कहा है कि अगर और झटके आते हैं, तो मुद्रास्फीति ऊंची बनी रह सकती है और यहां तक ​​कि बढ़ भी सकती है. इसमें यूक्रेन में युद्ध तेज होने और मौसम से जुड़ी चुनौतियों के कारण सख्त मौद्रिक नीति रुख शामिल है. इसमें कहा गया है केंद्रीय बैंक के मौद्रिक नीति को आगे और कड़ा किये जाने से वित्तीय क्षेत्र में कुछ समस्या हो सकती है. चीन में रियल एस्टेट क्षेत्र में समस्या के कारण पुनरुद्धार की गति धीमी हो सकती है. रिपोर्ट के अनुसार कि सरकारी स्तर पर कर्ज संकट कई अर्थव्यवस्थाओं को प्रभावित कर सकता है. अच्छी बात यह है कि मुद्रास्फीति उम्मीद से अधिक तेजी से नीचे आ सकती है. इससे कड़ी मौद्रिक नीति की जरूरत नहीं होगी और घरेलू मांग और ज्यादा मजबूत हो सकती है.

क्या है आईएमएफ

आईएमएफ का मतलब अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष है. यह एक अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संगठन है जिसकी स्थापना 1944 में वैश्विक मौद्रिक सहयोग को बढ़ावा देने, वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को सुविधाजनक बनाने, उच्च रोजगार और सतत आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और दुनिया भर में गरीबी को कम करने के लक्ष्य के साथ की गई है. आईएमएफ में सदस्यता उन सभी देशों के लिए खुली है जो इसके नियमों और विनियमों का पालन करने के लिए सहमत हैं. आईएमएफ में 190 सदस्य देश हैं. आईएमएफ का मुख्यालय वाशिंगटन, डी.सी. में है. इसकी गतिविधियों की देखरेख आईएमएफ के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स और कार्यकारी बोर्ड के माध्यम से इसके सदस्य देशों द्वारा की जाती है. यह सदस्य देशों द्वारा योगदान किए गए कोटा के आधार पर संचालित होता है, जो संगठन में उनके वित्तीय योगदान और उनकी मतदान शक्ति का निर्धारण करता है. कुल मिलाकर, आईएमएफ वैश्विक आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा देने और आर्थिक चुनौतियों या संकट के समय अपने सदस्य देशों को वित्तीय सहायता और नीति सलाह प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

आईएमएफ के प्रमुख कार्य और उद्देश्य

आईएमएफ वैश्विक आर्थिक रुझानों की निगरानी और विश्लेषण करता है और अपने सदस्य देशों के लिए आर्थिक पूर्वानुमान प्रदान करता है. यह संभावित जोखिमों और कमजोरियों की पहचान करने के लिए उनकी आर्थिक नीतियों की निगरानी करता है. संस्थान भुगतान संतुलन की समस्याओं का सामना करने वाले सदस्य देशों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है. यह सहायता आम तौर पर आर्थिक सुधारों और स्थिरता को बढ़ावा देने की शर्तों के साथ ऋण के रूप में होती है. आईएमएफ सदस्य देशों को उनके आर्थिक संस्थानों, नीतियों और नियामक ढांचे को मजबूत करने में मदद करने के लिए तकनीकी सहायता और क्षमता निर्माण प्रदान करता है. आर्थिक अनुसंधान करता है और सदस्य देशों को राजकोषीय और मौद्रिक नीतियों, विनिमय दर प्रबंधन और संरचनात्मक सुधारों सहित कई मुद्दों पर नीति सलाह प्रदान करता है. आईएमएफ अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक मुद्दों, विनिमय दर व्यवस्था और व्यापार नीतियों पर सदस्य देशों के बीच सहयोग की सुविधा प्रदान करता है.

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