त्योहारों के बीच आम लोगों को महंगाई से राहत देने के लिए सरकार ने पाम, सोयाबीन और सूरजमुखी के तेल की कच्ची किस्मों पर मार्च 2022 तक के लिए कृषि उपकर में कटौती की है.
सरकार के इस कदम से त्योहारी मौसम में खाद्य तेलों की कीमतों में गिरावट आयेगी और आम आदमी राहत महसूस कर सकेगा.
भारतीय खानपान में त्योहारों के मौसम में पकवान बनाने की परंपरा है और लगभग सभी भारतीय पकवानों को बनाने में खाद्य तेलों की जरूरत पड़ती है.
खाद्य तेलों की कीमत में कमी आने से आम आदमी इसकी खरीद कर सकेगा और त्योहारों के मौसम में उसके चेहरे पर खुशी आयेगी, क्योंकि वह अपने परिजनों की जरूरत पूरी कर सकेगा.
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने एक नोटिफिकेशन जारी कर कहा है कि शुल्क में कटौती 14 अक्टूबर से प्रभावी होगी और 31 मार्च, 2022 तक लागू रहेगी.
कच्चे पाम तेल पर अब 7.5 प्रतिशत का कृषि infrastructure development cess लगेगा, जबकि कच्चे सोयाबीन तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल के लिए यह दर पांच प्रतिशत होगी. घरेलू बाजार और त्योहारी मौसम में खुदरा कीमतों में बढ़ोतरी के कारण सरकार ने खाद्य तेलों पर आयात शुल्क घटा दिया है.
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