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ITR Form: नये इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म जारी, दो महीने पहले नोटिफाई होने से होंगे ये बड़े फायदे

New ITR Form केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने 10 फरवरी को एक नोटिफिकेशन के जरिये आईटीआर फॉर्म 1-6, आईटीआर-वी और आईटीआर पावती प्रपत्र को नोटिफाई किया है. ये फॉर्म 1 अप्रैल, 2023 से प्रभावी होंगे और इन्हें पहले की तरह आसान रखा गया है, ताकि फाइलिंग करने में करदाताओं को कोई परेशानी न हो.

ITR Form 2023-24: वित्त मंत्री निर्मला सीतरामण ने आम बजट में इनकम टैक्स को लेकर बड़ी राहत दी. उन्होंने नये इनकम टैक्स रिजीम में 7 लाख तक की आय को टैक्स से बाहर रखा है. अब इनकम टैक्स विभाग ने वित्त वर्ष 2022-23 और असेसमेंट ईयर 2023-24 के लिए व्यक्तियों और व्यवसायों के लिए आईटी रिटर्न भरने के लिए एक से छह नंबर तक के फॉर्म को नोटिफाई किया है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड यानी सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस ने 10 फरवरी को एक नोटिफिकेशन के जरिये आईटीआर फॉर्म 1-6, आइटीआर-वी (वेरीफिकेशन फॉर्म) और आईटीआर पावती प्रपत्र को नोटिफाई किया है. ये फॉर्म 1 अप्रैल, 2023 से प्रभावी होंगे और इन्हें पहले की तरह आसान रखा गया है, ताकि फाइलिंग करने में करदाताओं को कोई परेशानी न हो. आमतौर पर किसी विशेष वित्तीय वर्ष के लिए ITR फॉर्म मार्च के अंत या अप्रैल की शुरुआत में नोटिफाई किये जाते हैं. इस तरह इस बार फॉर्म के जल्दी नोटिफाई होने से करदाताओं को कई तरह से लाभ होने वाला है.

रिटर्न फॉर्म 1 से 6 को नोटिफाई किया

CBDT ने आयकर रिटर्न फॉर्म 1 से 6 को नोटिफाई किया है. आईटीआर फॉर्म 1 (सहज) और आईटीआर फॉर्म 4 (सुगम) हैं, जो बड़ी संख्या में छोटे और मध्यम करदाताओं के लिए हैं. ITR 3 पेशेवरों द्वारा दायर किया जाता है, जबकि ITR 5 और ITR 6 LLP और व्यवसायों द्वारा दायर किये जाते हैं. इन सबके अलावा, धर्मार्थ ट्रस्टों, वैज्ञानिक अनुसंधान संस्थानों, राजनीतिक दलों और विश्वविद्यालयों के लिए आईटीआर फॉर्म 7 को नोटिफाई किया गया. सीबीडीटी ने कहा है कि आईटीआर दाखिल करने की प्रक्रिया को अधिक कारगर बनाने के लिए इस साल सभी आईटीआर फॉर्मों को समय पर नोटिफाई किया गया है. साथ ही, पिछले साल की तुलना में आईटीआर फॉर्म भरने के तरीके में कोई बदलाव नहीं किया गया है.

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सहज और सुगम फॉर्म

ITR 1 यानी सहज फॉर्म 50 लाख रुपये तक की आय वाले निवासी व्यक्ति द्वारा दायर किया जा सकता है, जो वेतन, एक घर की संपत्ति, अन्य स्रोतों (ब्याज) और 5,000 रुपये तक की कृषि आय से आय प्राप्त करता है. वहीं, सुगम को व्यक्तियों, हिंदू अविभाजित परिवारों और फर्मों द्वारा दायर किया जा सकता है. यह वैसे व्यक्तियों के लिए है, जिनकी कुल आय 50 लाख रुपये तक है और व्यवसाय और पेशे से इनकी आय होती है. आईटीआर फॉर्म के समय से पहले आने से रिटर्न के स्व-मूल्यांकन के लिए अधिक समय मिलेगा. इसका मतलब यह हुआ कि ई-फाइलिंग पोर्टल, तृतीय-पक्ष सॉफ्टवेयर कंपनियों, करदाताओं और कर पेशेवरों सहित सभी हितधारकों को फाइलिंग के लिए पर्याप्त समय मिल पाएगा.

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