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आईटीआर-यू दाखिल करने के लिए इनकम टैक्स ने जारी किया नया फॉर्म, जानिए पूरी जानकारी

आईटीआर-यू दाखिल करने वाले करदाताओं को अपनी आमदनी को अपडेट करने के लिए असली कारणों को बताना होगा.

नई दिल्ली : अगर आप हर साल आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करते हैं, तो आपके लिए एक बहुत ही आवश्यक खबर है और वह यह कि सरकार ने आयकर विभाग ने अपडेटेड आयकर रिटर्न (आईटीआर-यू) दाखिल करने के लिए नया फॉर्म अधिसूचित किया है. आयकर विभाग की ओर से जारी किए गए इस नए फॉर्म के जरिए आयकरदाताओं को आरटीआर-यू दाखिल करने के असली कारणों के साथ ही टैक्स की रकम के बारे में भी जानकारी देनी होगी. आयकरदाताओं को यह नया फॉर्म वित्त वर्ष 2019-20 और 2020-21 के लिए आईटीआर-यू दाखिल करने के लिए उपलब्ध कराया जाएगा.

आईटीआर-यू दाखिल करने के लिए बताना होगा असली कारण

मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, आईटीआर-यू दाखिल करने वाले करदाताओं को अपनी आमदनी को अपडेट करने के लिए असली कारणों को बताना होगा. इसके साथ ही, उन्हें यह भी बताना होगा कि उन्होंने आईटीआर फाइल क्यों नहीं या फिर उन्होंने अपनी आमदनी की सही जानकारी क्यों नहीं दी. यह फॉर्म संबद्ध आकलन वर्ष के अंत के दो साल के भीतर दाखिल किया जा सकता है.

बजट में सरकार ने अपडेट करने की दी है अनुमति

बता दें कि सरकार ने केंद्रीय बजट 2022-23 में करदाताओं को आईटीआर को दाखिल करने के दो साल के भीतर उसे ‘अपडेट’ करने की अनुमति दी है. हालांकि, इस अनुमति से पहले टैक्स का भुगतान जरूरी होगा. इस कदम का मकसद आईटीआर में हुई गलती या कोई जानकारी छूटने पर उसमें सुधार का मौका देना है. एक करदाता को प्रत्येक आकलन वर्ष में केवल एक बार अपडेटेड ब्योरा दाखिल करने की अनुमति होगी.

फॉर्म में चीजों को रखा गया है सटीक

नांगिया एंड कंपनी एलएलपी के भागीदार शैलेश कुमार ने कहा कि करदाता को प्रासंगिक जानकारी को आसानी से भरने की सुविधा के लिए इस फॉर्म में चीजों को ‘सटीक’ रखा गया है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा यह भी ध्यान रखा गया है कि जिस आय को कर के लिए पेश जा रहा है, सिर्फ उसका ब्योरा ही देने की जरूरत हो. इसमें नियमित आईटीआर फॉर्म की तरह अलग-अलग मदों में आय का ब्योरा देने की जरूरत नहीं होगी. अपडेटेड आयकर रिटर्न दाखिल करने की वजह भी फॉर्म में ही बतानी होगी.

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2019-20 के लिए बकाया टैक्स और ब्याज के साथ भर सकते हैं फॉर्म

टैक्स और कन्सल्टेंसी सर्विस मुहैया कराने वाली कंपनी एकेएम के ग्लोबल पार्टनर-टैक्स संदीप सहगल ने बताया कि जो करदाता 2019-20 के लिए इस फॉर्म को दाखिल करना चाहते हैं, उन्हें बकाया कर और ब्याज के साथ इस तरह के कर और ब्याज की अतिरिक्त 50 फीसदी राशि का भुगतान करना होगा. वहीं, जो करदाता 2020-21 के लिए इस फॉर्म को दाखिल करना चाहते हैं, उन्हें बकाया कर और ब्याज की 25 फीसदी अतिरिक्त राशि का भुगतान करना होगा.

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