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अनुराग कश्यप और तापसी पन्नू के ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमारी जारी.
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फिल्मी हस्तियों की करीब 30 ठिकानों पर बुधवार से ही हो रही है छापेमारी.
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छापेमारी को लेकर विपक्ष ने मोदी सरकार पर साधा निशाना.
Income Tax Raid मुंबई : फिल्म डायरेक्टर अनुराग कश्यप (Anurag Kashyap), अभिनेत्री तापसी पन्नू (Taapsee Pannu) सहित बॉलीवुड के हस्तियों के ठिकानों पर आज दूसरे दिन भी आयकर विभाग (Income Tax Department) की छापेमारी जारी है. अनुराग और तापसी के घर से आयकर अधिकारियों को कई दस्तावेज मिले हैं. दोनों के लैपटॉप सहित अन्य इलेक्ट्रानिक डिवाइस जब्त कर लिये गये हैं और उनसे किसी गुप्त स्थान पर पूछताछ की जा रही है. यह रेड तीसरे दिन भी जारी रह सकती है. हालांकि यह मामला राजनीतिक रंग लेने लगा है.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘कुछ मुहावरे: उंगलियों पर नचाना- केंद्र सरकार आयकर विभाग, ईडी, सीबीआई के साथ ये करती है. भीगी बिल्ली बनना- केंद्र सरकार के सामने मित्र मीडिया. खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे- जैसे केंद्र सरकार किसान-समर्थकों पर रेड कराती है.’ अधिकारियों ने बताया कि यह छापेमारी फैंटम फिल्म्स के खिलाफ कर चोरी की जांच का एक हिस्सा है.
एक आयकर अधिकरी ने बताया कि यह छापेमारी मुंबई और पुणे में 30 स्थानों पर की गई जिसमें रिलायंस एंटरटेनमेंट ग्रुप के सीईओ शुभाशीष सरकार तथा सेलिब्रिटी और प्रतिभा प्रबंधन कंपनी केडब्ल्यूएएन के कुछ अधिकारी भी शामिल हैं. विभाग ने बुधवार को भी तापसी पन्नू और अनुराग कश्यप व उनके साझेदारों के घरों और कार्यालयों पर छापेमारी की. छापेमारी सुबह शुरू हुई और देर रात तक जारी रही. वहीं, दूसरे दिन भी छापेमारी की गयी.
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो तापसी और अनुराग से अधिकारी पुणे के किसी होटल में पूछताछ कर रहे हैं. पन्नू और कश्यप, दोनों को कई मुद्दों पर अपने खुलकर अपने विचार रखने के लिए जाना जाता है. दोनों पुणे में शूटिंग कर रहे हैं. जिन अन्य के खिलाफ छापेमारी की गई उनमें फैंटम फिल्म्स प्रोडक्शन हाउस के कुछ कर्मचारी शामिल हैं, जिसे 2018 में भंग कर दिया गया था. इसमें इसके तत्कालीन प्रवर्तक कश्यप, निर्देशक-निर्माता विक्रमादित्य मोटवाने, निर्माता विकास बहल और निर्माता-वितरक मधु मंटेना शामिल हैं.
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इन आरोपों को खारिज कर दिया कि कश्यप और पन्नू के खिलाफ छापे उनकी टिप्पणियों से जुड़े हैं, जो कई बार भाजपा के प्रति आलोचनात्मक रही हैं. उन्होंने एक सवाल पर कहा, ‘जांच एजेंसियां विश्वसनीय सूचना के आधार पर जांच करती हैं और मामला बाद में अदालतों में भी जाता है.’ महाराष्ट्र में राज्य के मंत्री और राकांपा नेता नवाब मलिक द्वारा छापों को नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार के खिलाफ बोलने वालों की आवाज दबाने की कोशिश करार देने पर इसको लेकर बहस तेज हो गई.
Posted By: Amlesh Nandan.
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