IT Return Filing: इनकम टैक्स फाइल करने से पहले देखें कहीं इनएक्टिव तो नहीं पैन कार्ड, जानें कैसे होगा एक्टिव
Income Tax Return Filing: आयकर विभाग ने मंगलवार को कहा कि जिन प्रवासी भारतीयों (NRI) और विदेशी नागरिकों का पैन (स्थायी खाता संख्या) आधार से जुड़ा नहीं होने के कारण निष्क्रिय हो गया है, उन्हें उसे फिर चालू कराने के लिए संबंधित आकलन अधिकारी के समक्ष आवास पते का प्रमाण जमा कराना चाहिए
Income Tax Return Filing: इनकम टैक्स बिना शुल्क के जमा करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई है. बड़ी संख्या में लोगों ने अभी तक इनकम टैक्स फाइल कर दिया है. 31 जुलाई के बाद 31 दिसंबर तक इनकम टैक्स जमा करने पर कर दाता को पांच हजार तक का जुर्माना देना पड़ सकता है. ऐसे में समय पर टैक्स जमा करने में ही समझदारी है. इनकम टैक्स जमा करने के लिए सबसे जरूरी है, आपका पैन कार्ड. मगर, कई लोगों का PAN-Aadhaar Card Linking नहीं होने या अन्य किसी कारण की वजह से कई बार इनएक्टिव हो जाता है. ऐसे में आयकर विभाग में ऐसे लोगों को बड़ी राहत दी है. वो अपना पैन केवल एड्रेस प्रूफ अपडेट करके एक्टिव कर सकते हैं.
NRI और विदेशी नागरिकों को मिलेगी मदद
आयकर विभाग ने मंगलवार को कहा कि जिन प्रवासी भारतीयों (NRI) और विदेशी नागरिकों का पैन (स्थायी खाता संख्या) आधार से जुड़ा नहीं होने के कारण निष्क्रिय हो गया है, उन्हें उसे फिर चालू कराने के लिए संबंधित आकलन अधिकारी के समक्ष आवास पते का प्रमाण जमा कराना चाहिए. विभाग ने कहा कि कुछ प्रवासी भारतीयों या भारतीय मूल के विदेशी नागरिकों (OCI) ने अपने पैन के निष्क्रिय होने के संदर्भ में चिंता जतायी है. आयकर विभाग ने ट्विटर पर लिखा है कि अगर एनआरआई ने पिछले तीन आकलन वर्ष में से किसी में आईटीआर दाखिल किया है या संबंधित आकलन अधिकारी (जेएओ) को अपनी आवासीय स्थिति के बारे में सूचित किया है, उनके संदर्भ में आवासीय स्थिति का निर्धारण किया गया है.
आयकर विभाग ने ट्विटर पर दी जानकारी
पैन कार्ड के निष्क्रिय होने के मामले में जानकारी देते हुए आयकर विभाग ने बताया कि पैन उन मामलों में निष्क्रिय हो गए हैं, जहां एनआरआई ने अपनी आवासीय स्थिति का अद्यतन नहीं किया है या पिछले तीन आकलन वर्ष में रिटर्न दाखिल नहीं किया है. आयकर विभाग ने ट्विटर पर लिखा है कि जिन एनआरआई के पैन निष्क्रिय हैं, उनसे अनुरोध है कि वे पैन से जुड़ी जानकारी में अपनी आवासीय स्थिति को अद्यतन करने के अनुरोध के साथ संबंधित दस्तावेजों अपने संबंधित आकलन अधिकारी के पास जमा कराएं.
सात दिनों में तीन करोड़ लोगों ने भरा टैक्स
आयकर विभाग ने अपने ट्वीटर हैंडल पर लिखा कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष 7 दिन पहले ही 3 करोड़ आयकर रिटर्न (ITR) के मील के पत्थर तक पहुंचने में हमारी मदद करने के लिए हमारे करदाताओं और कर पेशेवरों का आभारी हूं. निर्धारण वर्ष 2023-24 के लिए 3 करोड़ से अधिक आईटीआर इस साल 18 जुलाई तक दाखिल किए जा चुके हैं, जबकि पिछले साल 25 जुलाई तक 3 करोड़ आईटीआर दाखिल किए गए थे. 18 जुलाई, 2023 तक दाखिल किए गए 3.06 करोड़ आईटीआर में से 2.81 करोड़ आईटीआर ई-सत्यापित किए गए हैं यानी 91% से अधिक दाखिल आईटीआर ई-सत्यापित किए गए हैं. ई-सत्यापित आईटीआर में से 1.50 करोड़ से अधिक आईटीआर पहले ही संसाधित हो चुके हैं. इसलिए, हम गति बनाए रखने की उम्मीद करते हैं और उन सभी से आग्रह करते हैं जिन्होंने निर्धारण वर्ष 2023-24 के लिए आईटीआर दाखिल नहीं किया है, वे अंतिम समय की भीड़ से बचने के लिए जल्द से जल्द अपना आईटीआर दाखिल करें.
कैसे भरें घर बैठे इनकम टैक्स
किसी भी व्यक्ति को खुद से इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने में 30 से 40 मिनट का समय लगता है. इसके लिए बहुत परेशान होने की जरूरत नहीं है. आइये जानते हैं वो आसान स्टेप्स जिससे आसानी से टैक्स फाइल कर सकते हैं. सबसे पहले इनकम टैक्स फाइल करने के लिए वेबसाइट https://www.incometax.gov.in/iec/foportal/ जाएं. यहां अपने पैन कार्ड की मदद से रजिस्टर या लॉगइन करें. इसके बाद, अगर टैक्सपेयर वेतनभोगी है तो असेसमेंट ईयर, आईटीआर फॉर्म का नंबर, आईटीआर का टाइप आदि सारी जानकारी भरें. इसके बाद ये बताएं कि आप आपना टैक्स ऑनलाइन जमा कराएंगे या ऑफलाइन. अगर आप वेतनभोगी हैं तो आपको ये सारी डिटेल अपने फॉर्म16 पर मिल जाएंगी. बाकी सब्मिट करने के लिए आप ऑनलाइन वाला ऑप्शन चुन सकते हैं. साइट पर मांगी गयी सारी जानकारी भरने के बाद आगे बढ़े. इसके बाद इंडिविजुअल के लिए आईटीआर फाइल कर रहे हैं या हिंदू अविभाजित परिवार के लिए, या किसी फर्म या पार्टनरशिप फर्म के लिए ये आयकर विभाग को बताएं.
व्यक्तिगत आयकर भरने के हैं दो कैटेगरी
व्यक्तिगत आयकर भरने के लिए इनकम टैक्स में दो कैटेगरी है. इसमें एक कैटेगरी आईटीआर-1 और दूसरा आईटीआर-4 है. अगर, आपकी सालाना इनकम 50 लाख से कम है तो आप इन फार्म को भरने का विकल्प चून सकते हैं. फार्म का चयन उनके आय के सोर्स के हिसाब से ये अलग-अलग चयन करना होता है. आईटीआर-1 ऑप्शन वालों को अपनी पर्सनल इंफॉर्मेशन, ग्रॉस टोटल इनकम, टैक्स छूट की जानकारी, टैक्स भरने की जानकारी, टैक्स की देनदारी (कैलकुलेशन खुद हो जाती है) की जानकारी भरनी होती है. जबकि, आईटीआर-4 ऑप्शन वालों को ऊपर बताई सभी जानकारी के साथ डिस्क्लोजर्स भी भरने होते हैं. आईटीआर को वैलिडेट करने के लिए आधार बेस्ड ओटीपी डालें.
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