ITR : वित्त वर्ष 2022-23 के लिए कैसे करें इनकम टैक्स रिटर्न फाइल, जानें महत्वपूर्ण टिप्स
आयकर विभाग की ओर से आकलन वर्ष 2023-24 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2023 निर्धारित किया गया है. हालांकि, आयकरदाताओं को हमेशा आखिरी तारीख से पहले इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की सलाह दी जाती है.
Income Tax Return : वित्त वर्ष 2022-23 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न यानी आईटीआर दाखिल करने का समय आ गया है. आम तौर पर वेतनभोगी कर्मचारी और व्यक्तिगत करदाता जुलाई के महीने में अपना इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करते हैं. आयकर विभाग की ओर से आकलन वर्ष 2023-24 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2023 निर्धारित किया गया है. हालांकि, आयकरदाताओं को हमेशा आखिरी तारीख से पहले इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की सलाह दी जाती है. आइए, जानते हैं कि आईटीआर कैसे भरा जाएगा और फॉम-16 क्या होता है?
क्या होता है फॉर्म-16
वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए फॉर्म-16 बहुत ही जरूरी दस्तावेज है. उनकी सालाना आमदनी कितनी हुई, कितना टैक्स कटा और कौन से सेक्शन से कितने टैक्स की बचत हुई. इसकी जानकारी फॉर्म-16 से मिलती है. फॉर्म-16 में आमदनी, टैक्स बचत और टैक्स कटौती के साथ-साथ वित्त वर्ष के लिए लागू स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) के बारे में सारी जानकारी होती हैं.
फॉर्म-16 के बिना दाखिल कर सकते हैं आईटीआर?
जो करदाता अभी आईटीआर दाखिल करना चाहते हैं और आईटीआर फॉम-1 और आईटीआर फॉर्म-4 की श्रेणी में आते हैं, वे भी बिना फॉर्म-16 के इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल कर सकते हैं. आयकर विभाग ने आकलन वर्ष 2023-24 के लिए पहले से भरा हुआ आईटीआर-1 और आईटीआर-4 फॉर्म जारी कर दिया है. अब ये फॉर्म ऑनलाइन भरे जा सकते हैं.
कौन दाखिल करते हैं फॉर्म-1
भारत के वे नागरिक जिनकी सालाना आमदनी 50 लाख रुपये तक है, वे फॉर्म-1 को दाखिल कर सकते हैं या करते हैं. 50 लाख तक की आमदनी में आपका वेतन, आपकी पेंशन या किसी अन्य स्रोत से होने वाली आमदनी को भी शामिल किया जाता है. यहां तक कि कृषि से 5000 रुपये तक होने वाली आमदनी को भी इसमें शामिल किया गया है, लेकिन अगर आप किसी कंपनी के निदेशक हैं और किसी गैर-सूचीबद्ध कंपनी में निवेश किया है, तो इससे होने वाली आमदनी, एक से अधिक घर या संपत्ति से, कारोबार से आमदनी होती है, तो आप फॉर्म-1 दाखिल नहीं कर सकते.
कौन दाखिल करेगा फॉर्म-2
अगर भारत के किसी नागरिक की आमदनी 50 लाख रुपये से अधिक है, तो वे फॉर्म-2 दाखिल कर सकते हैं. इसके तहत एक से ज्यादा आवासीय संपत्ति, निवेश से हुई आमदनी या हुई आमदनी, 10 लाख रुपये से अधिक के लाभांश से होने वाली आमदनी और कृषि से हुई 5000 रुपये से ज्यादा की कमाई के बारे में बताना होता है. इसके अलावा अगर पीएफ से ब्याज के तौर पर आमदनी होती है, तब भी यह फॉर्म दाखिल किया जाता है.
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