Income Tax Refund: अभी तक नहीं मिला रिफंड! 7 से 120 दिन करना होगा इंतजार, जानें देर होने पर क्या करें

Income Tax Refund: आईटीआर दाखिल करने वाले को रिफंड तब मिलता है जब उनका टैक्स पेमेंट एक्चुअल टैक्स लाइबिलिटी से ज्यादा होता है. इनकम टैक्स रिफंड आमतौर पर रिटर्न दाखिल होने की तारीख से 7 से 120 दिनों के अंदर आ जाता है.

By Madhuresh Narayan | August 3, 2023 4:41 PM
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Income Tax Refund: वित्त वर्ष 2022-23 के लिए बिना जुर्माना आयकर रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई थी. आखिरी तारीख तक भारत के करीब 6.77 करोड़ लोगों ने आयकर रिटर्न दाखिल किया गया था. अब, रिटर्न दाखिल करने वाले लोग अपने रिफंड का इंतजार कर रहे हैं. रिटर्न दाखिल करने वाले लोगों में 3.44 करोड़ का आईटीआर प्रोसेस कर लिए गए हैं यानी इनमें से जो भी रिफंड के लिए एलिजिबल है उनका रिफंड प्रोसेस हो चुका है. बता दें कि आईटीआर दाखिल करने वाले को रिफंड तब मिलता है जब उनका टैक्स पेमेंट एक्चुअल टैक्स लाइबिलिटी से ज्यादा होता है. इनकम टैक्स रिफंड आमतौर पर रिटर्न दाखिल होने की तारीख से 7 से 120 दिनों के अंदर आ जाता है.

रिफंड की स्थिति की कैसे करें जांच

आईटीआर दाखिल करने के बाद काम खत्म नहीं होता है. इसके बाद, रिटर्न का ई वेरिफिकेशन करना जरूरी है. ई-वेरिफिकेशन पूरा होने के बाद आप रिफंड की स्थिति जानने के लिए ई-फाइलिंग वेबसाइट incometaxindiaefiling.gov.in या नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड की ई-गवर्नेंस वेबसाइट tin.nsdl.com पर जाकर जानकारी ले सकते हैं. यहां वेबसाइ्ट पर यूजर आईडी और पासवर्ड डालकर अकाउंट में लॉग इन करें. यहां एक नया पेज खुलेगा. इसपर ‘ई-फाइल’ ऑप्शन पर क्लिक करें. इसके बाद ‘इनकम टैक्स रिटर्न’ चुनें और फिर ‘व्यू फाइल्ड रिटर्न’ पर क्लिक करें. इसके बाद, यहां आपको व्यू डिटेल्स का विकल्प दिखेगा. ये आपके फाइल किये गए स्टेटस का विवरण दिखाएंगा. वेबसाइट tin.tin.nsdl.com के माध्यम से इनकम टैक्स स्टेटस की जांच करने के लिए, यूजर्स को अपना परमानेंट अकाउंट नंबर (पैन) दर्ज करना होगा. अब असेसमेंट ईयर चुने. ‘रिफंड पेमेंट’ स्टेटस सामने आ जाएगा.

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रिफंड में देरी के क्या कारण हो सकते हैं?

आयकर के रुप में एक्चुअल टैक्स लाइबिलिटी से ज्यादा कटे हुए पैसे किसी भी टैक्सपेयर को तीन माध्यम से मिलते हैं. एक तो इलेक्ट्रॉनिक मोड के माध्यम से किया जाता है यानी सीधे खाते में जमा किया जाता है या चेक के माध्यम से किया जाता है. मगर, रिफंड में देरी हो रही है तो इसके कई कारण हो सकते हैं. रिफंड में देरी का एक सबसे कॉमन कारण है बैंक अकाउंट डिटेल्स का गलत होना. इसके अलावे कई बार आयकर विभाग रिफंड के लिए टैक्सपेयर से कई अतिरिक्त दस्तावेज या जानकारी मांगती है. वहीं, कई बार रिफंड के लिए गलत जानकारी देना है. कई आईटीआर में विभाग के टीडीएस/टीसीएस में मिसमैच की भी शिकायत मिली है. वहीं, कई बार देरी रिफंड रिक्वेस्ट का अंडर प्रोसेस होने के कारण होती है.

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रिफंड री-इश्यू करने का अनुरोध है संभव

रिफंड में देरी होने पर परेशान होने की जरूरत नहीं है. सबसे पहले अपने विभाग के साथ रिजस्टर्ड अपना ई-मेल चेक करें. कई बार विभाग के द्वारा अतिरिक्त जानकारी के लिए मेल किया जाता है. वहीं, कई बार आईटीआर स्टेटस से पता चलता है कि रिफंड एक्सपायर हो गया है. ऐसे में परेशान होने की जरूरत नहीं है. आप, रिफंड री-इश्यू करने का अनुरोध कर सकता है. इसके साथ ही, कुछ मामलों में रिफंड का स्टेटस रिटर्न्ड दिखाता है तो आप सीधे ई-फाइलिंग पोर्टल/आकलन अधिकारी के पास रिफंड रि-इश्यू रेज कर सकते हैं.

अभी भी दाखिल कर सकते हैं रिटर्न

बिना शुल्क के आयकर जमा करने की आखिरी तारीख खत्म हो गयी है. हालांकि, आप 31 दिसंबर तक अभी रिटर्न फाइल कर सकते हैं. मगर, अब रिटर्न फाइल करने पर आपको एक हजार से लेकर पांच हजार तक का पेनल्टी देना पड़ सकता है. विभाग के द्वारा ये शुल्क आपके लेन- देन और इनपुट के आधार पर लिया जाएगा.

कैसे भरें अपना इनकम टैक्स रिटर्न

इनकम टैक्स रिटर्न भरने की आखिरी तिथि खत्म हो गयी है. मगर, टैक्स भरने के प्रोसेस में कोई अंतर नहीं आया है. केवल, टैक्स कैल्कुलेशन के वक्त विभाग के द्वारा पेनल्टी टैक्स के साथ जोड़ दिया जाता है. टैक्स भरने से पहले कुछ तैयारी करनी जरूरी है. इसमें आपको अपनी आय, निवेश, और वित्तीय संबंधित जानकारी का संग्रह करना होगा. इसमें आपकी सैलरी, ब्याज, वित्तीय प्राप्तियां, बचत खाते, बीमा पॉलिस, इन्वेस्टमेंट और लोन जैसी जानकारी देनी होगी. इनकम टैक्स रिटर्न भरने के लिए पैन (पर्मनेंट एकाउंट नंबर) कार्ड की आवश्यकता होती है. यदि आपके पास पैन कार्ड नहीं है, तो आपको पैन कार्ड के लिए आवेदन करना होगा. इनकम टैक्स रिटर्न को आप दो तरीकों से भर सकते हैं – ई-फाइलिंग (ऑनलाइन फाइलिंग) या मैनुअल फाइलिंग (ऑफलाइन फाइलिंग). ई-फाइलिंग एक आसान और तेज़ तरीका है जो ऑनलाइन पोर्टल या टैक्स रिटर्न प्रोसेसिंग वेबसाइट के माध्यम से किया जा सकता है.

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