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IT Rules : 1 अप्रैल से इनकम टैक्स और पीएफ से जुड़े 5 नियमों में हो जाएगा बदलाव, जानिए रूल बदलने पर कितना होगा फायदा

Income Tax Rules : वित्त वर्ष 2021-22 के सालाना आम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मिडिल क्लास और वेतनभोगी कर्मचारियों को इनकम टैक्स में किसी तरह की कोई राहत नहीं दी है. हालांकि, जिन लोगों की उम्र 75 साल से अधिक हो गई है, वैसे बुजुर्ग लोगों को इस बार इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने से राहत दे दी गई है. इसके साथ ही, जो लोग इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं करते, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का फैसला किया गया है. ये सभी बदलाव 1 अप्रैल 2021 से लागू हो जाएंगे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 17, 2021 7:09 AM
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Income Tax Rules : साल 2021 का मार्च महीना अब समाप्त होने वाला है. दो हफ्ते बाद अप्रैल का महीना शुरू हो जाएगा और नौकरी-पेशा और कारोबार-व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए यह महीना सबसे अहम होता है. अहम इस मायने में होता है, क्योंकि अप्रैल का महीना नए वित्त वर्ष का पहला महीना होता है और इस साल भी आगामी 1 अप्रैल से सरकार के सालाना बजट 2021 में किए गए ऐलान के अनुसार नियमों में बदलाव हो जाता है. इस साल भी आगामी 1 अप्रैल से इनकम टैक्स और पीएफ यानी भविष्य निधि से जुड़े 5 नियमों में बदलाव होने जा रहा है. आइए, जानते हैं कि 1 अप्रैल से इनकम टैक्स और पीएफ से जुड़े किन-किन नियमों में बदलाव हो जाएगा.

बता दें कि वित्त वर्ष 2021-22 के सालाना आम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मिडिल क्लास और वेतनभोगी कर्मचारियों को इनकम टैक्स में किसी तरह की कोई राहत नहीं दी है. हालांकि, जिन लोगों की उम्र 75 साल से अधिक हो गई है, वैसे बुजुर्ग लोगों को इस बार इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने से राहत दे दी गई है. इसके साथ ही, जो लोग इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं करते, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का फैसला किया गया है. ये सभी बदलाव 1 अप्रैल 2021 से लागू हो जाएंगे.

EPF में योगदान पर देना होगा टैक्स

इस साल के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कर्मचारी भविष्य निधि यानी ईपीएफ में योगदान पर भी टैक्स लगाने का ऐलान किया है. इनकम टैक्स के नए नियमों के मुताबिक, आगामी 1 अप्रैल 2021 से सालाना 2.5 लाख रुपये से ज्यादा PF योगदान करने पर जो ब्याज मिलेगा उस पर आपको टैक्स चुकाना होगा. इनकम टैक्स के नये नियम के अनुसार, ज्यादा कमाई करने वाले कर्मचारियों के पीएफ योगदान को टैक्स के दायरे में लाया गया है. अब अधिक कमाई करने वाले कर्मचारियों को अपने पीएफ योगदान पर टैक्स का भुगतान करना होगा. हालांकि, जिन कर्मचारियों की सैलरी 2 लाख रुपये तक होगी, उन पर नियमों में बदलाव का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.

आईटीआर फॉर्म भरना होगा आसान

आगामी 1 अप्रैल से व्यक्तिगत करदाताओं को इनकम टैक्स की ओर से प्री-फाइल्ड इनकम टैक्स रिटर्न फाइल मुहैया कराया जाएगा, ताकि आईटीआर फॉर्म भरने में करदाताओं को ज्यादा परेशानियों का सामना न करना पड़े. पहले से भरे हुए फॉर्म से करदाताओं को केवल अपनी आमदनी और उसके स्रोत से जुड़ा ब्योरा देना होगा.

एलटीसी स्कीम का मिलेगा फायदा

इसके साथ ही, आगामी 1 अप्रैल से केंद्रीय कर्मचारी, राज्य सरकारों के वैसे कर्मचारी जिन्हें कोरोना महामारी के इस दौर में केंद्र की मोदी सरकार की ओर से एलटीसी वाऊचर की सुविधा उपलब्ध कराई गई, उन्हें इसका फायदा मिलने लगेगा. एलटीसी यानी ट्रेवल लीव कंसेशन कैश वाऊचर स्कीम नए वित्त वर्ष 2021-22 में लागू हो जाएंगे. यह स्कीम उन कर्मचारियों के लिए लॉन्च की गई है, जिन्होंने कोरोना वायरस महामारी के कारण लगे यात्रा प्रतिबंध की वजह से एलटीसी टैक्स बेनिफिट का फायदा नहीं उठाया था.

वरिष्ठ नागरिकों को आईटीआर फाइल करने से छूट

इतना ही नहीं, केंद्र सरकार ने 75 साल से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों का भी खास ख्याल रखा है. 1 अप्रैल 2021 से 75 साल से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को आईटीआर फाइल करने का जरूरत नहीं पड़ेगी. यह छूट उन वरिष्ठ नागरिकों को दी गई है, जो पेंशन या फिर फिक्स्ड डिपोजिट पर मिलने वाले ब्याज पर आश्रित हैं.

आईटीआर फाइल नहीं करने पर दोगुना देना होगा टीडीएस

केंद्र सरकार ने आईटीआर फाइल करने को बढ़ावा देने के लिए टीडीएस के नियमों को इन लोगों के लिए कड़ा कर दिया है, जो आईटीआर फाइल नहीं करते हैं. इसके लिए सरकार ने इनकम टैक्स एक्ट में सेक्शन 206एबी को जोड़ दिया है. इनकम टैक्स के सेक्शन 206एबी के अनुसार, अब आईटीआर फाइल नहीं करने पर 1 अप्रैल, 2021 से दोगुना टीडीएस देना होगा. नए नियमों के अनुसार, जिन लोगों ने इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं किया है, उन पर टैक्स कलेक्शन ऐट सोर्स (टीसीएस) भी ज्यादा लगेगा.

नए नियमों के अनुसार, आगामी 1 जुलाई 2021 से पीनल टीडीएस और टीसीएल दरें 10-20 फीसदी होंगी, जो आमतौर पर 5-10 फीसदी होती हैं. आईटीआर दाखिल नहीं करने वालों के लिए टीडीएस और टीसीएस की दर (5 फीसदी या तय दर) जो भी ज्यादा हो, उससे दोगुनी हो जाएगी.

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Posted by : Vishwat Sen

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