Loading election data...

Income Tax : आयकर विभाग ने अचल संपत्ति पर एलटीसीजी कैलकुलेशन के लिए जारी किया क्लेरिफिकेशन

Income Tax : आयकर विभाग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट करके बताया कि वर्ष 2001 से पहले खरीदी गई संपत्तियों की अधिग्रहण लागत को लेकर बात उठाई है. गुरुवार रात जारी एक नोटिस में विभाग ने बताया कि करदाताओं के पास दो विकल्पों में से एक को चुनने का विकल्प है.

By Pranav P | July 27, 2024 8:58 PM
an image

Income Tax : 26 जुलाई को एक नोटिस जारी कर आयकर विभाग ने स्पष्ट किया है कि 2001 से पहले खरीदी गई संपत्तियों पर दीर्घावधि पूंजीगत लाभ कर की गणना करते समय, लागत उचित बाजार मूल्य या 1 अप्रैल, 2001 तक की वास्तविक लागत हो सकती है. सरकार संपत्तियों पर LTCG कर की दर को 20% से घटाकर 12.5% करने और अप्रैल 2001 के बाद खरीदी गई संपत्तियों के लिए मुद्रास्फीति समायोजन को हटाने की योजना बना रही है. 2001 से पहले खरीदी गई संपत्तियों के लिए, मुद्रास्फीति समायोजन गणना के लिए उचित बाजार मूल्यांकन का उपयोग किया जा सकता है. LTCG निर्धारित करने के लिए इस समायोजित मूल्य को बिक्री मूल्य से घटाया जाएगा, जिस पर फिर 20% कर लगाया जाएगा.

Social Media पोस्ट पर दी जानकारी

आयकर विभाग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करके बताया कि वर्ष 2001 से पहले खरीदी गई संपत्तियों की अधिग्रहण लागत को लेकर बात उठाई है. विभाग ने कहा कि 1 अप्रैल, 2001 से पहले खरीदी गई संपत्तियों के लिए अधिग्रहण की लागत या तो उस तिथि को खरीद लागत हो सकती है या उचित बाजार मूल्य (बशर्ते वह स्टाम्प ड्यूटी मूल्य से अधिक न हो, यदि वह उपलब्ध हो) गुरुवार रात जारी एक नोटिस में विभाग ने उल्लेख किया कि करदाताओं के पास इन दो विकल्पों में से एक को चुनने का विकल्प है.

Also Read : Air India : एयर इंडिया एक्सप्रेस पर DGCA की नजर, हो सकती है कारवाई

आयकर विभाग ने दिया उदहारण

आयकर विभाग ने एक उदाहरण का इस्तेमाल करके यह दिखाया कि 2001 से पहले खरीदी गई संपत्तियों के लिए पूंजीगत लाभ कर की गणना कैसे की जाएगी. उन्होंने 1990 में पांच लाख रुपये में खरीदी गई एक संपत्ति के बारे में बात की, जिस पर 1 अप्रैल, 2001 को स्टांप ड्यूटी मूल्य 10 लाख रुपये और एफएमवी 12 लाख रुपये था. यदि यह संपत्ति 23 जुलाई 2024 को या उसके बाद 1 करोड़ रुपये में बिकती है, तो 1 अप्रैल 2001 से अधिग्रहण लागत को 10 लाख रुपये माना जाएगा. वित्त वर्ष 2024-25 के लिए समायोजित अधिग्रहण लागत 36.3 लाख रुपये होगी, जो उस वर्ष के लागत मुद्रास्फीति सूचकांक 363 से 10 लाख रुपये को गुणा करके निकाली जाएगी.

ऐसे लगेगा टैक्स

अगर आप 1 करोड़ रुपये में कोई प्रॉपर्टी बेचते हैं, तो उसमें से 36.3 लाख रुपये घटाने पर आपको लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन के तौर पर 63.7 लाख रुपये मिलेंगे. 20% टैक्स रेट के हिसाब से आपको करीब 12.74 लाख रुपये देने होंगे. नए नियमों के मुताबिक, 1 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी की बिक्री से 10 लाख रुपये घटाने पर आपको LTCG के तौर पर 90 लाख रुपये मिलेंगे. 12.5% टैक्स रेट के हिसाब से आपको करीब 11.25 लाख रुपये देने होंगे.

Also Read : Start-ups : स्टार्टअप्स के मामले मे भारत आगे, देश मे हैं 1.40 लाख से अधिक कंपनियां हैं रजिस्टर्ड

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Exit mobile version