Independence Day 2020, Gold price (Rate), Sona ka Bhav : आज हम सभी आजादी की 74वीं सालगिरह मना रहे हैं. बीते इन 73 बरसों में हमारे देश ने अपार प्रगति की है और लगातार प्रगति के पथ पर अग्रसर है. लेकिन, इसके साथ ही बदलते दौर में जिंसों के कीमतों में भी तेजी आई है. महंगाई और वस्तुओं के दामों में बढ़ोतरी हुई है. देश की सबसे कीमती और सर्वप्रिय धातु सोना की कीमतों में आजादी के बाद बीते 56 साल के दौरान 53,000 रुपये प्रति 10 ग्राम से भी अधिक बढ़ोतरी दर्ज की गयी है. आइए, जानते हैं कि देश में कब-कब सोना की कीमतों ने जोरदार छलांग लगायी है…
सोना का स्वर्णिम इतिहास
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आजादी के बाद से देश में सोना की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी दर्ज की गयी.
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बीते 56 साल के इतिहास में 10 ग्राम सोना की कीमतों में 53 हजार रुपये से अधिक बढ़ोतरी हुई.
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वर्ष 1964 में देश के सर्राफा बाजारों में 24 कैरेट का सोना 63.25 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव बेचा गया था.
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इसके तीन साल बाद वर्ष 1967 में सोना की कीमत 100 रुपये का स्तर पार करते हुए 102.50 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गयी.
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पांच साल बाद वर्ष 1972 में सोना की कीमत में 100 रुपये की वृद्धि दर्ज की गयी और यह 202 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया.
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वर्ष 1974 में सोना का भाव बढ़कर 506 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया. हालांकि, अगले एक साल यानी वर्ष 1975 तक इसकी कीमत में मात्र 40 रुपये की ही वृद्धि दर्ज हुई और यह 540 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बेचा गया.
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वर्ष 1976 में इसकी कीमतों में करीब 108 रुपये की गिरावट दर्ज की गयी और यह 432 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव बेचा गया.
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वर्ष 1978 में सोना के भाव में बेतहाशा बढ़ोतरी दर्ज की गयी और यह देश के सर्राफा बाजारों में 685 रुपये प्रति 10 के स्तर पर पहुंच गया.
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वर्ष 1979 में इसकी कीमत और तेजी से बढ़ी और यह 937 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव बेचा गया.
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वर्ष 1980 में सोना 1000 रुपये के मनोवैज्ञानिक स्तर को पार करते हुए 1,330 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर आ गया.
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वर्ष 1985 पीली धातु सोना 2000 के आंकड़े को पार करके 2,130 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गया.
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वर्ष 1988 में सोना 3000 के मनोवैज्ञानिक आंकड़े को पार करते हुए 3,130 रुपये प्रति 10 ग्राम पर चला गया.
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देश में आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत के पांच साल बाद वर्ष 1996 में सोना पहली बार 5000 के आंकड़े को पार करते 5,160 रुपये प्रति 10 ग्राम पर चला गया.
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एक साल बाद वर्ष 1997 से लेकर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के कार्यकाल तक यानी वर्ष 2002 तक सोना के भाव में गिरावट ही रही और यह इन पांच सालों के दौरान 4,725 रुपये प्रति 10 ग्राम से लेकर 4,990 रुपये प्रति 10 ग्राम के बीच बेचा गया.
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वर्ष 2003 के दौरान इसकी कीमतों में फिर उछाल आया और यह 5,600 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गया.
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वर्ष 2007 में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए-I सरकार के कार्यकाल में सोना 10,800 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव बेचा गया.
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वर्ष 2011 तक इसकी कीमतों में करीब 15,000 रुपये से अधिक की वृद्धि दर्ज की गयी और यह 20,000 के स्तर को पार कर 26,400 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गया.
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एक साल बाद इसकी कीमतों में करीब 4,500 रुपये से अधिक वृद्धि दर्ज की गयी और वर्ष 2012 में इसकी कीमत 31,050 रुपये तक पहुंच गयी.
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वर्ष 2013 से 2017 तक इसकी कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी रहा और यह 28,000 रुपये से लेकर 30,000 रुपये के बीच बेचा गया.
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वर्ष 2019 के दौरान इसकी कीमतों में एक बार फिर बढ़ोतरी दर्ज की गयी और यह 35,220 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर चला गया.
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2020 के 14 अगस्त के सर्राफा बाजार बंद होने तक सोना की कीमत 53,691 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया है.
Posted By : Vishwat Sen
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