अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने गुरुवार को भारतीय अर्थव्यवस्था की सराहना की. आईएमएफ चीफ पियरे ओलिवर गोरिंचेस ने कहा कि भारत भले ही 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यस्था के लक्ष्य को पूरा करने में जुटा हो, लेकिन भारत के पास 10 ट्रिलियन डॉलर तक के लक्ष्य को पूरा करने की शक्ति है. उन्होंने भारत के डिजिटलीकरण के भी प्रयासों की सराहना करते हुए कहा, भारत सरकार के प्रयास देश में बहुत बड़ा बदलाव लाने वाला रहा है, क्योंकि इससे भारत की सरकार के लिए ऐसे काम करना संभव हुआ है जो अन्यथा बेहद कठिन होते.
आईएमएम चीफ गोरिंचेस ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, भारत सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है. 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्य को पाने के लिए भारत को महत्वपूर्ण ढांचागत सुधार करने होंगें. उन्होंने कहा कि यह लक्ष्य पाया जा सकता है. कई देशों को बहुत तेज दर के साथ वृद्धि करते और तेजी से विकसित होते देखा है। हां, यह कोई आसान काम नहीं है, भारत जैसी अर्थव्यवस्था के लिए अपार संभावना है.
गोरिंचेस ने भारत के डिजिटलीकरण के प्रयासों के बारे में एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘डिजिटलीकरण कई पहलुओं में मददगार रहा है. पहला है वित्तीय समावेश क्योंकि भारत जैसे दशों में बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जो बैंकिंग प्रणाली से नहीं जुड़े हैं. अब डिजिटल वॉलेट तक पहुंच होने से वे लेनदेन में सक्षम हो पाए हैं. उन्होंने आगे कहा, मेरा मानना है कि इससे (डिजिटलीकरण से) (भारत) सरकार बहुत से ऐसे काम कर पाई जो अन्यथा बेहद कठिन होते.
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आईएमएफ के मुख्य अर्थशास्त्री ने कहा, ‘‘भारत के लिए एक और महत्वपूर्ण बात मेरे खयाल से यह है कि इन डिजिटल पहलों से सरकार पहुंच बना पाईं और वितरण प्रणाली को लोगों तक पहुंचा सकी जो परंपरागत तरीकों से काफी मुश्किल होता. गोरिंचेस ने कहा कि भारत ऐसे वक्त में एक चमकदार रोशनी की तरह उभरा है जब दुनिया मंदी के आसन्न संकट का सामना कर रही है.
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