India China face off : पूर्वी लद्दाख (East Ladakh) की गलवान घाटी (Galwan valley) में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत-चीन (Indo-China) के सैनिकों की हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवानों की शहादत के बाद चीन और चाइनीज सामानों के विरोध के बीच मोदी सरकार की सख्ती का असर अब वहां की कंपनियों पर भी दिखाई देने लगा है. चीन के पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना (PBOC) ने भारत में निजी क्षेत्र की हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन (HDFC) में अपनी हिस्सेदारी को बेच दिया है.
एचडीएफसी की ओर से शेयर बाजार को दी गयी सूचना में इस बात की जानकारी दी गयी है. मीडिया की खबरों में यह माना जा रहा है कि सरकारी की ओर से अप्रैल और इसके बाद की गयी सख्ती की वजह से चीन के केंद्रीय बैंक ने एचडीएफसी में अपनी हिस्सेदारी को बेचने जैसा कदम उठाया है.
बता दें कि जून तिमाही में पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना की एचडीएफसी में हिस्सेदारी घटकर 1 फीसदी से भी कम हो गयी. मार्च तिमाही के अंत में पीबीओसी के पास एचडीएफसी के 17.5 मिलियन शेयर थे. यह बैंक की 1.01 फीसदी हिस्सेदारी के बराबर थे. हालांकि, एचडीएफसी की ओर से दी गयी जानकारी में इस बात का जिक्र नहीं किया गया है कि एचडीएफसी में अब पीबीओसी की कोई हिस्सेदारी बची है या नहीं? हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया था कि पीबीओसी शेयरों की बिक्री कर सकता है.
वहीं दूसरी ओर, 31 मार्च को समाप्त हुए वित्त वर्ष 2019-20 में पीबीओसी ने एचडीएफसी में हिस्सेदारी बढ़ाकर 1 फीसदी से ज्यादा कर ली थी. अप्रैल में सरकार ने जमीन से जुड़े पड़ोसी देशों से आने वाले निवेश को लेकर कानून सख्त कर दिए थे. इसका असर चीन से आने वाले निवेश पर भी पड़ा. कोरोना महामारी के दौरान शेयरों में गिरावट आने की वजह से चीन का निवेश बढ़ने की आशंका के चलते कानूनों को पहले से कहीं अधिक सख्त कर दिया गया.
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Posted By : Vishwat Sen
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