भारत सरकार ने जनरल फाइनैंशियल नियम, 2017 में बदलाव कर भारत के साथ सीमा साझा करने वाले देशों की ओर से सरकारी खरीद में बोली लगाने वालों को प्रतिबंधित कर दिया गया है. इस नए व्यापार नियम का सबसे अधिक असर चीन पर पड़ेगा. भारत सरकार ने यह नियम रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर बनाया है. इस देश के बोली लगाने वाले लोग तभी इसके लिए सक्षम हो पाएंगे जब वो डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ़ इंडस्ट्री एंड इंटर्नल ट्रेड (डीपीआईआईटी) की रजिस्ट्रेशन कमिटी में रजिस्टर्ड हों.
इसके अलावा इन्हें भारत सरकार के विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय से राजनीतिक और सुरक्षा मंज़ूरी लेना आवश्यक होगा.भारत सरकार के व्यापार के इस नए नियम की प्रशंसा भी की जा रही है. इस नियम को लेकर गुरुवार देर रात वित्त मंत्रालय ने ट्वीट भी किया. वित्त मंत्रालय ने बताया कि यह फैसला भारत की रक्षा के लिए लिया गया है.
GOI today amended GFR 2017 to enable imposition of restrictions on bidders from countries which share a land border with India on grounds of defence of India, or matters directly or indirectly related thereto including national security.
More details ➡️ https://t.co/Q03ahoNKU9 pic.twitter.com/Oa6AnUYYQl
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) July 23, 2020
केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिए हैं कि वो भी अपनी सभी सरकारी ख़रीद में इस नियम को लागू करें.इस नियम के तहत वित्त मंत्रालय ने कुछ छूट भी दी है. कोविड-19 महामारी के कारण कोविड से जुड़े सामान की ख़रीद को लेकर 31 दिसंबर तक छूट दी गई है. वहीं, उन देशों को भी पहले रजिस्ट्रेशन कराने की आवश्यकता नहीं होगी जिन देशों को भारत कर्ज़ देता है या विकास के लिए मदद करता है. इन देशों में बांग्लादेश, नेपाल और म्यांमार जैसे देश शामिल हैं जिनको भारत ने कर्ज दिया है.
भारत अपनी सीमा चीन, नेपाल, भूटान, पाकिस्तान, बांग्लादेश और म्यांमार के साथ साझा करता है. नए नियम के हिसाब से चीन और पाकिस्तान को खासा नुकसान होता नजर आ रहा है.नए नियम चीनी उत्पादों और निवेश को सीमित करने के भारत के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है. 23 जून को भारत सरकार ने ऑनलाइन सामान बेचने वाले पोर्टल्स को आदेश दिया था कि वो यह ज़रूर बताएं कि सामान कहां पर बनाया गया है.
Posted By: Utpal kant
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