Loading election data...

वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत-चीन का बजेगा डंका? चीनी शोध संस्थान तो यही कर रहा दावा

चीन सरकार के अग्रणी शोध संस्थान ‘बाओ फोरम फॉर एशिया' (बीएफए) ने मंगलवार को जारी रिपोर्ट में कहा कि वर्ष 2023 में एशियाई अर्थव्यवस्थाएं दुनिया के समग्र आर्थिक पुनरुद्धार की रफ्तार को बनाए रखे हुए हैं. इस तरह वैश्विक आर्थिक सुस्ती के दौर में एशिया का प्रदर्शन असाधारण साबित हो रहा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 28, 2023 6:12 PM

बीजिंग/नई दिल्ली : वैश्विक अर्थव्यवस्था में इस साल वर्ष 2023 में भारत-चीन का डंका बजने वाला है. यह चीन के सरकारी शोध संस्थान ‘बाओ फोरम फॉर एशिया’ (बीएफए) की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आर्थिक सुस्ती का सामना कर रही वैश्विक अर्थव्यवस्था की इस साल की वृद्धि में भारत-चीन मिलकर करीब आधा योगदान देंगे, जिससे एशिया ‘असाधारण प्रदर्शन’ करने वाला महाद्वीप बनकर उभरेगा.

वैश्विक आर्थिक सुस्ती के दौर में एशिया का बेहतर प्रदर्शन

चीन सरकार के अग्रणी शोध संस्थान ‘बाओ फोरम फॉर एशिया’ (बीएफए) ने मंगलवार को जारी रिपोर्ट में कहा कि वर्ष 2023 में एशियाई अर्थव्यवस्थाएं दुनिया के समग्र आर्थिक पुनरुद्धार की रफ्तार को बनाए रखे हुए हैं. इस तरह वैश्विक आर्थिक सुस्ती के दौर में एशिया का प्रदर्शन असाधारण साबित हो रहा है.

हैनान प्रांत के बाओ में आयोजित चार-दिन के सम्मेलन के पहले दिन ‘एशियाई आर्थिक परिदृश्य एवं एकीकरण में प्रगति’ शीर्षक वाली यह रिपोर्ट जारी की गई. इसके मुताबिक, वर्ष 2023 में एशिया की वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर वर्ष 2022 के 4.2 फीसदी से बढ़कर 4.5 फीसदी हो जाने का अनुमान है.

Also Read: विदेश मंत्री एस जयशंकर बोले, चीन के साथ भारत की स्थिति बेहद नाजुक और खतरनाक

वैश्विक वृद्धि में भारत-चीन का आधा योगदान

रिपोर्ट में अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा गया है कि भारत और चीन इस साल वैश्विक आर्थिक वृद्धि में मिलकर आधा योगदान देने वाले हैं. इस तरह एशियाई अर्थव्यवस्थाएं वर्ष 2023 में समग्र आर्थिक वृद्धि को तेज करने में प्रमुख इंजन बनी हुई हैं. आईएमएफ का अनुमान है कि इस साल भारत की वृद्धि दर 6.8 फीसदी रहेगी, जबकि चीन की वृद्धि दर 5.2 फीसदी रह सकती है.

भारत-चीन के बीच रिश्ते बेहद नाजुक

बता दें कि 15 जून, 2020 को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास भारत-चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों के रिश्ते बेहद नाजुक बने हुए हैं. हालांकि, दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को सुलझाने के लिए सैन्य अधिकारी स्तर पर कई दौर की बातचीत भी हुई है, लेकिन दोनों देशों के बीच तनाव अब भी बना हुआ है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version