बैंकॉक : एशियाई विकास बैंक (एडीबी) की ओर से मंगलवार को जारी की गई एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि एशिया की आर्थिक वृद्धि को मजबूत बनाने में भारत और चीन की अहम भूमिका होगी. एडीबी की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में मजबूत मांग और चीन का महामारी से उबरना इस वर्ष एशिया में मजबूत आर्थिक वृद्धि के कारक बनेंगे. इसमें कहा गया कि एशिया वर्ष 2023 और वर्ष 2024 में 4.8 फीसदी की दर से बढ़ेगा, जो 2022 के 4.2 फीसदी से अधिक है.
तेल के दामों में आ सकती है तेजी
एडीबी ने हालिया अनुमान में कहा कि इस साल महंगाई में कमी आने के आसार हैं और यह 2024 में यह और भी कम होगी. हालांकि, संस्थान के अर्थशास्त्रियों का कहना है कि तेल उत्पादक देशों द्वारा उत्पादन में कमी के फैसले की वजह से तेल के दामों में तेजी आ सकती है, जिससे मुद्रास्फीति का दबाव और बढ़ेगा, जो क्षेत्र के लिए चुनौतीपूर्ण रहने वाला है.
तेल उत्पादन में कटौती करेगा सऊदी अरब
रिपोर्ट का विश्लेषण इस अनुमान पर आधारित है कि ब्रेंट क्रूड तेल इस वर्ष 88 डॉलर प्रति बैरल और अगले वर्ष 90 डॉलर प्रति बरैल रहेगा. तेल के दाम इस स्तर के नीचे ही बने हुए थे, सोमवार को यह 83 डॉलर प्रति बैरल था, लेकिन सऊदी अरब समेत प्रमुख तेल उत्पादक देशों द्वारा उत्पादन में कमी करने की घोषणा के बाद दामों में 5 फीसदी की तेजी आई.
चुनौती खड़ी करेगा तेल का दाम
एडीबी में मुख्य अर्थशास्त्री अल्बर्ट पार्क ने कहा कि तेल के दाम और भी बढ़ सकते हैं, जो क्षेत्र के लिए एक और चुनौती खड़ी करेगा. उन्होंने कहा कि एशिया में मुद्रास्फीति माल के बजाय पर्यटन जैसी सेवाओं की बढ़ती मांग पर अधिक निर्भर करेगी. दामों में तेजी लाने वाला अन्य कारक होगा चीन का धीमी वृद्धि से तेजी वृद्धि की ओर बढ़ना, क्योंकि वहां कोविड-19 पाबंदियां दूर हो गई हैं.
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5 फीसदी की दर से बढ़ेगी चीनी अर्थव्यवस्था
एडीबी का अनुमान है कि चीन की अर्थव्यवस्था वर्ष 2023 में 5 फीसदी और वर्ष 2024 में 4.5 फीसदी की दर से बढ़ेगी. वर्ष 2022 में यह तीन फीसदी रही थी. हालांकि, भारत की अर्थव्यवस्था के वर्ष 2023 में 6.4 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान है. 2021 में यह आंकड़ा 9.1 फीसदी और 2022 में 6.8 फीसदी था.
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