नई दिल्ली : भारत ने शुक्रवार को अमेरिकी एजेंसी मूडीज से अपनी सॉवरेन रेटिंग को बढ़ाने की पुरजोर वकालत करने के साथ ही उन मापदंडों पर सवाल उठाए, जिनके आधार पर एजेंसी विभिन्न देशों को क्रेडिट रेटिंग देती है. सूत्रों के मुताबिक, सॉवरेन रेटिंग की वार्षिक समीक्षा से पहले क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस के प्रतिनिधियों ने भारत सरकार के अधिकारियों से मुलाकात की. इस दौरान अधिकारियों ने भारतीय अर्थव्यवस्था के सुधारों और मजबूत बुनियादी बातों पर प्रकाश डाला. भारत की रेटिंग में सुधार होता है, तो इसका यह मतलब होगा कि देश कम जोखिम वाला है. लिहाजा, उसे उधारी पर कम ब्याज देना होगा.
भारतीय अर्थव्यवस्था की सकारात्मकता को स्वीकारती है मूडीज
रेटिंग एजेंसी के प्रतिनिधियों के साथ बैठक के बाद एक अधिकारी ने कहा कि मूडीज ने भारतीय अर्थव्यवस्था की सकारात्मकता को स्वीकार किया है. हम मूडीज की तरफ से रेटिंग में सुधार को लेकर आशान्वित हैं. मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने स्थिर दृष्टिकोण के साथ भारत को ‘बीएए3’ सॉवरेन साख रेटिंग दी हुई है. निवेश-योग्य श्रेणी में ‘बीएए3’ सबसे निचली रेटिंग है.
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रेटिंग मापदंडों पर भी उठाए सवाल
सरकारी अधिकारियों ने बैठक में भारत में जारी आर्थिक सुधारों के अलावा बुनियादी ढांचे के विकास और 600 अरब अमेरिकी डॉलर के विदेशी मुद्रा भंडार का भी जिक्र किया. साथ ही अधिकारियों ने मूडीज से उसके रेटिंग मापदंडों पर भी सवाल उठाए. इस बैठक में अर्थव्यवस्था से जुड़े सभी मंत्रालयों के अलावा नीति आयोग के अधिकारी भी शामिल हुए. पिछले महीने दो अन्य रेटिंग एजेंसियों फिच और एसएंडपी ने स्थिर परिदृश्य के साथ भारत की रेटिंग को ‘बीबीबी-‘ पर अपरिवर्तित रखा था.
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