Trade War: अमेरिका-चीन ट्रेड वार से चांदी कूटेंगे भारत के निर्यातक, जानें कैसे

Trade War: अमेरिका-चीन ट्रेड वार भारत के लिए एक बड़ा अवसर है. अमेरिकी बाजार में भारतीय निर्यातकों की हिस्सेदारी बढ़ सकती है. टेक्सटाइल, फार्मा, इलेक्ट्रॉनिक्स, स्टील और ज्वैलरी इंडस्ट्री को सीधा लाभ मिलेगा. कम टैरिफ और मजबूत सप्लाई चेन से भारत को प्रतिस्पर्धात्मक फायदा मिलेगा.

By KumarVishwat Sen | February 4, 2025 10:54 PM
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Trade War: अमेरिका और चीन के बीच जारी ट्रेड वार भारतीय निर्यातकों के लिए एक बड़ी आर्थिक अवसर साबित हो सकता है. विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका में चीनी उत्पादों पर ऊंचे टैरिफ (Import Duty) से भारतीय उत्पादों की मांग बढ़ सकती है, जिससे भारत का निर्यात (Export) बढ़ने की उम्मीद है.

कैसे फायदेमंद होगा ट्रेड वार?

  • अमेरिका में भारतीय उत्पादों की डिमांड बढ़ेगी.
  • चीनी सामान महंगा होने से भारत को प्रतिस्पर्धात्मक लाभ मिलेगा.
  • अमेरिकी खरीदार नए आपूर्तिकर्ताओं की तलाश करेंगे.
  • टैक्स और टैरिफ के अंतर से भारत को रणनीतिक फायदा मिलेगा.

ट्रेड वॉर में भारत को कितना फायदा?

  • पहले भी भारत को हुआ था बड़ा लाभ: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इससे पहले के कार्यकाल में जब चीन पर ऊंचा आयात शुल्क लगाया गया, तब भारत चौथा सबसे अधिक लाभ पाने वाला देश बना था.
  • अब फिर बढ़ सकता है भारतीय निर्यात: मौजूदा ट्रेड वार में भी भारत के निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि होने की संभावना है.

भारतीय निर्यातक संगठन (FIEO) के महानिदेशक अजय सहाय का कहना है कि अमेरिका द्वारा चीनी उत्पादों पर अधिक शुल्क लगाने से भारतीय उत्पादों को प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त मिल सकती है.

किन क्षेत्रों में भारत को मिलेगा फायदा?

  • टेक्सटाइल (Textile) और गारमेंट
  • इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटोमोबाइल पार्ट्स
  • फार्मास्युटिकल्स (Pharmaceuticals)
  • जेम्स एंड ज्वैलरी (Gems & Jewelry)
  • स्टील और मेटल इंडस्ट्री

विशेषज्ञों के अनुसार, अमेरिका के 100 सबसे बड़े आयातित उत्पादों में से 75% भारतीय निर्यात में शामिल हैं. इसका मतलब है कि भारत के पास अमेरिकी बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने का सुनहरा मौका है.

कम टैरिफ का मिलेगा फायदा?

  • भारत का औसत आयात शुल्क 17% है, लेकिन अमेरिकी आयातित सामान पर वास्तविक शुल्क बहुत कम है.
  • पेट्रोलियम क्रूड (Crude Oil) पर मात्र 1 रुपये प्रति टन शुल्क लगता है.
  • पॉलिश किए गए हीरों पर 0% टैक्स लगाया जाता है, जिससे जेम्स एंड ज्वैलरी इंडस्ट्री को लाभ होगा.

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अमेरिका-चीन ट्रेड वार भारत के लिए एक बड़ा अवसर

ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के संस्थापक अजय श्रीवास्तव का कहना है कि कम टैरिफ और बेहतर सप्लाई चेन के कारण भारतीय निर्यातकों को अमेरिका में अधिक ऑर्डर मिल सकते हैं. अमेरिका-चीन ट्रेड वार भारत के लिए एक बड़ा अवसर है. अमेरिकी बाजार में भारतीय निर्यातकों की हिस्सेदारी बढ़ सकती है. टेक्सटाइल, फार्मा, इलेक्ट्रॉनिक्स, स्टील और ज्वैलरी इंडस्ट्री को सीधा लाभ मिलेगा. कम टैरिफ और मजबूत सप्लाई चेन से भारत को प्रतिस्पर्धात्मक फायदा मिलेगा.

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