आयात में भारी उछाल, व्यापार घाटा नवंबर 2024 में बढ़कर 19.8 बिलियन डॉलर पर पहुंचा
India Export: भारत के वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार नवंबर 2024 में भारत का कुल निर्यात और आयात दोनों में वृद्धि देखी गई.
India Export: भारत के वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार नवंबर 2024 में भारत का कुल निर्यात और आयात दोनों में वृद्धि देखी गई. हालांकि व्यापार घाटा भी बढ़कर 19.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया.
कुल निर्यात में 9.6% की बढ़त
नवंबर 2024 में भारत का कुल निर्यात (माल और सेवाओं को मिलाकर) 67.79 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा जो पिछले साल इसी महीने के 61.85 बिलियन अमेरिकी डॉलर की तुलना में 9.6% अधिक है.
- माल निर्यात में गिरावट: नवंबर में माल का निर्यात घटकर 32.11 बिलियन अमेरिकी डॉलर रह गया जबकि पिछले साल यह 33.75 बिलियन अमेरिकी डॉलर था.
- सेवा निर्यात में वृद्धि: सेवाओं का निर्यात 28.11 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 35.67 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया.
अप्रैल से नवंबर 2024 के बीच कुल निर्यात 536.25 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के 498.33 बिलियन अमेरिकी डॉलर से 7.60% अधिक है.
आयात में 27.5% की उछाल
नवंबर में भारत का कुल आयात 68.74 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 87.63 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया.
इस वृद्धि के चलते व्यापार घाटा जो निर्यात और आयात के बीच का अंतर है बढ़कर 82.95 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया.
800 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निर्यात लक्ष्य
वाणिज्य मंत्रालय ने 2024-25 में 800 बिलियन अमेरिकी डॉलर का कुल निर्यात लक्ष्य प्राप्त करने की उम्मीद जताई है.
वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा
“हम 20 देशों और छह प्रमुख विनिर्माण व सेवा क्षेत्रों पर फोकस कर रहे हैं. इन क्षेत्रों में भारत की उत्पादन और निर्यात क्षमता को मजबूत बनाने की कोशिश की जा रही है.”
पिछले वर्षों का निर्यात प्रदर्शन
- 2023-24: भारत ने कुल 778 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निर्यात दर्ज किया जिसमें सेवा निर्यात 341.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर और माल निर्यात 437.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर शामिल था.
- 2022-23: निर्यात 776.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा.
सरकार के प्रयास: प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव योजना
भारत सरकार ने उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजना के जरिए घरेलू निर्माताओं को बढ़ावा देने और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा बढ़ाने का लक्ष्य रखा है.
- लक्ष्य:
- निवेश आकर्षित करना
- निर्यात में वृद्धि करना
- आयात पर निर्भरता घटाना
- वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भारत की भूमिका को मजबूत बनाना
इन प्रयासों के तहत इलेक्ट्रॉनिक सामान और अन्य क्षेत्रों में लाभदायक परिणाम देखे जा रहे हैं.
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