Foreign Exchange Reserves: भारत का विदेशी मुद्रा भंडार एक दिसंबर को बढ़कर 604 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया है. चार माह में पहली बार विदेशी मुद्रा भंडार 600 अरब डॉलर के पार हुआ है. इससे पहले इस साल 11 अगस्त को विदेशी मुद्रा भंडार 600 अरब डॉलर से ऊपर था.
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को दिसंबर की द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए कहा कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार एक दिसंबर, 2023 को 604 अरब डॉलर था. इससे हम अपनी बाहरी वित्तपोषण जरूरतों को सुगमता से पूरा कर सकते हैं. इससे पहले 24 नवंबर को समाप्त में विदेशी मुद्रा भंडार 597.93 अरब डॉलर था.
Also Read: RBI ने आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान बढ़ाकर 7 प्रतिशत किया, प्वाइंट में जानें गवर्नर शक्तिकांत दास की मुख्य बातेंअक्टूबर 2021 में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 642 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंचा था. इसके बाद पिछले साल से वैश्विक घटनाक्रमों की वजह से रुपये को दबाव से बचाने के लिए केंद्रीय बैंक ने इस भंडार का इस्तेमाल किया, जिससे विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आई.
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि अमेरिका में बॉन्ड प्रतिफल बढ़ने और मजबूत अमेरिकी मुद्रा के बावजूद 2023 के कैलेंडर साल में भारतीय रुपये में उतार-चढ़ाव अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं की मुद्रा की तुलना में कम रहा है. उन्होंने कहा कि भारतीय रुपये की सापेक्ष स्थिरता भारतीय अर्थव्यवस्था के व्यापक आर्थिक बुनियादी सिद्धांतों में सुधार और भयानक वैश्विक सुनामी के सामने इसकी लचीलापन को दर्शाती है.
अमेरिकी डॉलर की तुलना में दैनिक Indian Rupees विनिमय दर के लिए भिन्नता का गुणांक 0.66 (CY 2023) था, जो चीन, मलेशिया, रूस, तुर्की, वियतनाम, दक्षिण अफ्रीका और थाईलैंड सहित समकक्ष उभरती अर्थव्यवस्थाओं में सबसे कम है.
वित्तपोषण पक्ष पर, शक्तिकांत दास ने कहा कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (FPI) प्रवाह में 2023-24 में एक महत्वपूर्ण बदलाव देखा गया है, जिसमें पिछले दो वर्षों में शुद्ध ऑउटफ्लो के मुकाबले 24.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर (6 दिसंबर तक) का शुद्ध एफपीआई प्रवाह हुआ है.
(भाषा इनपुट के साथ)
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