चीन को ठेंगा दिखाने की तैयारी, 370 कैटेगरी के प्रोडक्ट्‌स की क्वालिटी जांच होगी, बल्क ड्रग के क्षेत्र में भी घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा

India government put eye on chinese product impose quality curbs on 370 items : भारत-चीन संबंधों में आये तनाव के बीच ऐसी खबर आ रही है कि चीन से निर्यात किये जाने वाले 371 कैटेगरी के सामानों की क्वालिटी जांच होगी और उन्हें इंडियन स्टैंडर्ड पर खरा उतरना होगा. यह व्यवस्था अगले साल मार्च महीने से लागू होगी और जिन प्रोडक्ट पर यह व्यवस्था लागू होगी उनमें खिलौने, स्टील ट्‌यूब, स्टील बार, इलेक्ट्रॉनिक्स के समान, टेलीकॉम आइटम, हैवी मशीनरी, पेपर, रबर और ग्लास के उत्पाद शामिल हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 28, 2020 2:06 PM

नयी दिल्ली : भारत-चीन संबंधों में आये तनाव के बीच ऐसी खबर आ रही है कि चीन से निर्यात किये जाने वाले 371 कैटेगरी के सामानों की क्वालिटी जांच होगी और उन्हें इंडियन स्टैंडर्ड पर खरा उतरना होगा. यह व्यवस्था अगले साल मार्च महीने से लागू होगी और जिन प्रोडक्ट पर यह व्यवस्था लागू होगी उनमें खिलौने, स्टील ट्‌यूब, स्टील बार, इलेक्ट्रॉनिक्स के समान, टेलीकॉम आइटम, हैवी मशीनरी, पेपर, रबर और ग्लास के उत्पाद शामिल हैं.

यह कदम उन चीजों के निर्यात पर रोक लगाने के लिए उठाया जा रहा है, जिनकी गुणवत्ता भारतीय मानकों के अनुसार सही नहीं होती है. टाइम्स आफ इंडिया में छपी खबर के अनुसार सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को सफल बनाने के लिए भी यह कदम उठाया जा रहा है. इस पहल के तहत सरकार गैरजरूरी आयात को रोकने और निर्यात को बढ़ाने की कोशिश कर रही है.

ब्यूरो आफ इंडियन स्टैंडर्ड के डायरेक्टर जेनरल प्रमोद कुमार तिवारी ने इस संबंध में बताया कि जिन 371 प्रोडक्ट की इंडियन स्टैंडर्ड पर जांच होगी वे सभी चाइनीज हैं. इन सभी को भारतीय मानकों पर खतरा उतरना होगा, इसके लिए सरकारी पोर्ट कांडला, जेएनपीटी और कोच्चि में व्यवस्था की जा रही है. प्रमोद कुमार तिवारी ने बताया कि इस काम के लिए समयसीमा दिसंबर तक तय की गयी है जो बचे रह जायेंगे उनके लिए यह समयसीमा मार्च 2021 तक होगी. सरकार यह कदम संभवत: चीन से कम से कम आयात करने के लिए उठाने जा रही है.

साथ ही सरकार ने दवा तैयार करने में काम आने वाली रासायनिक सामग्री और चिकित्सा उपकरणों की घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा की योजना भी बनायी है. इसके लिए देश में बल्क ड्रग उत्पादन और मेडिकल डिवाइस पार्क स्थापित किये जाने की योजना हैं. अभी इसके लिए भारत चीन पर निर्भर है. अगर ऐसा हुआ तो यह चीन के लिए बड़ा झटका होगा. केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने बताया है कि ऐसा प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत अभियान को सफल बनाने के लिए किया जा रहा है.

Also Read: PUBG Ban in India Date: पबजी चीनी है या साउथ कोरियन, क्या है प्राइवेसी पॉलिसी, कहां स्टोर होता है डेटा?

ज्ञात हो कि फार्मा विभाग के इन प्रस्ताव को केंद्रीय कैबिनेट ने इस वर्ष मार्च में मंजूरी दी थी. गौड़ा ने कहा कि इनका मकसद भारत को 53 महत्वपूर्ण एपीआइ या मुख्य औषधिक सामग्री (केएसएम) के उत्पादन में और चिकित्सा उपकरणों की मैन्युफैक्चरिंग में आत्मनिर्भर बनाना है, जिनके लिए अभी देश मुख्य रूप से आयात पर निर्भर है.

इतना ही नहीं सरकार ने कई चाइनीज एप पर भी लगाम कसी है. सरकार ने पहले टिकटॉक सहित 59 एप को बैन किया था और कल सरकार ने 47 अन्य एप को बैन किया है. ऐसी सूचना है कि सरकार पबजी सहित 250 अन्य एप पर नजर रखे हुई है और अगर जरूरी हुआ तो सरकार इनपर भी बैन लगा देगी.

Posted By : Rajneesh Anand

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version