India Independence Day 2020 : 1947 में एक डॉलर की क्या थी कीमत? आजादी के 73 सालों में कितना टूट गया रुपया
Swatantrata Diwas 2020, Dollar vs Rupee : आज हम सभी आजादी की 74वीं सालगिरह (15 August 2020) मना रहे हैं. बीते इन 73 बरसों में हमारे देश ने अपार प्रगति की है और लगातार प्रगति के पथ पर अग्रसर है. लेकिन, देश की मुद्रा रुपये में लगातार गिरावट दर्ज हो रही है. वह लगातार टूटता ही जा रहा है. रुपये के अवमूल्यन का नतीजा यह है कि वह बीते 73 साल के दौरान गिरते-गिरते आज 14 अगस्त 2020 को बाजार बंद होने तक रुपया 74.90 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर पहुंच गया. आइए, जानते हैं कि 1947 से लेकर आज तक रुपये में कब-कब कितनी गिरावट दर्ज की गयी...
Swatantrata Diwas (Independence Day) 2020 : आज हम सभी आजादी की 74वीं सालगिरह मना रहे हैं. बीते इन 73 बरसों में हमारे देश ने अपार प्रगति की है और लगातार प्रगति के पथ पर अग्रसर है. लेकिन, देश की मुद्रा रुपये में लगातार गिरावट दर्ज हो रही है. वह लगातार टूटता ही जा रहा है. रुपये के अवमूल्यन का नतीजा यह है कि वह बीते 73 साल के दौरान गिरते-गिरते आज 14 अगस्त 2020 को बाजार बंद होने तक रुपया 74.90 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर पहुंच गया. आइए, जानते हैं कि 1947 से लेकर आज तक रुपये में कब-कब कितनी गिरावट दर्ज की गयी…
बीते 73 साल में डॉलर के मुकाबले 74 रुपये से अधिक टूटा रुपया
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वर्ष 1947 में जब हमारा देश आजाद हुआ था, तब भारत में एक डॉलर की कीमत 4.16 रुपये थी.
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वर्ष 1950 से लेकर 1965 तक करीब 15 सालों के लंबे अंतराल तक रुपया 4.76 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर स्थिर रहा.
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वर्ष 1966 के दौरान अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में भारतीय मुद्रा की कीमत में अचानक तेज गिरावट दर्ज की गयी और एक डॉलर की कीमत 6.36 रुपये हो गयी.
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वर्ष 1967 से लेकर 1970 तक लगातार चार सालों तक एक डॉलर की कीमत 7.50 रुपये पर स्थिर रही.
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वर्ष 1974 में रुपये में एक बार फिर जोरदार गिरावट दर्ज की गयी और यह डॉलर के मुकाबले 8.10 रुपये स्तर पर पहुंच गया.
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इमरजेंसी वाले साल 1975 के दौरान रुपया 28 पैसा और गिरा. इस समय एक डॉलर की कीमत 8.38 रुपये हो गयी.
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वर्ष 1976 से लेकर 1981 तक उतार-चढ़ाव भरे विनिमय के दौरान डॉलर के मुकाबले रुपये का भाव 8.13 रुपये से 8.96 रुपये के बीच रहा.
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वर्ष 1982 के दौरान रुपये में जोरदार गिरावट दर्ज की गयी और एक डॉलर के मुकाबले यह 9.46 रुपये के स्तर पर पहुंच गया.
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इसके एक साल बाद वर्ष 1983 के दौरान यह गिरकर 10.1 रुपये के स्तर पर पहुंच गया.
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वर्ष 1991 के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हाराव के कार्यकाल में जब देश में आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत की गयी, तो रुपये में जोरदार गिरावट दर्ज की गयी और डॉलर मजबूत हो गया. इस समय एक डॉलर की कीमत 22.74 रुपये हो गयी.
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वर्ष 1993 के दौरान डॉलर के मुकाबले रुपया 30.49 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर चला गया.
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वर्ष 1994 से लेकर 1997 तक यह 31.37 रुपये प्रति डॉलर से लेकर 36.31 रुपये प्रति डॉलर के बीच उतार-चढ़ाव भरे विनिमय में फंसा रहा.
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वर्ष 1998 में देश में गैर-कांग्रेसी सरकार बनने की आहट के साथ ही रुपये में एक बार फिर जोरदार गिरावट दर्ज की गयी और एक डॉलर के मुकाबले इसकी कीमत 41.26 रुपये प्रति डॉलर हो गयी.
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वर्ष 1999 से लेकर गैर-कांग्रेसी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल यानी वर्ष 2004 तक यह 45.32 के स्तर तक पहुंच गया.
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वर्ष 2005 से लेकर 2011 तक इसमें उतार-चढ़ाव जारी रहा और 2011 में यह 46.67 रुपये प्रति डॉलर के भाव तक चला गया.
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वर्ष 2012 में रुपये में जोरदार अवमूल्यन हुआ और डॉलर के मुकाबले इसकी कीमत 53.44 रुपये हो गयी.
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वर्ष 2014 में जब देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार बनी तो रुपये में जबरदस्त गिरावट आयी और यह डॉलर के मुकाबले 62.33 रुपये प्रति डॉलर तक टूट गया.
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वर्ष 2018 के दौरान इसमें एक बार फिर जोरदार गिरावट दर्ज की गयी. इस दौरान डॉलर के मुकाबले इसकी कीमत 70.09 रुपये प्रति डॉलर तक पहुंच गयी.
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आज जब हम आजादी की 74वीं सालगिरह मना रहे हैं, तो रुपया डॉलर के मुकाबले टूटकर 74.90 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर पहुंच गया है.
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Posted By : Vishwat Sen
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