वाशिंगटन: भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दावा किया है कि भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत आर्थिक वृद्धि की ओर बढ़ रही है. कोविड-19 महामारी से भारतीय अर्थव्यवस्था में स्पष्ट तौर पर मजबूत पुनरुद्धार हुआ है. उन्होंने भरोसा जताया कि भारत इस दशक में मजबूत आर्थिक वृद्धि हासिल करेगा. सीतारमण यहां अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष और विश्व बैंक की सालाना बैठक में भाग लेने आयी हैं.
वित्त मंत्री ने शोध संस्थान अटलांटिक काउंसिल के एक सार्वजनिक कार्यक्रम में निर्मला सीतारमण ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान भारत सरकार ने तय किया कि हम अपने लोगों पर टैक्स का बोझ नहीं डालेंगे. अपनी अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए हमने लोगों पर टैक्स नहीं लगाया. ‘कोविड टैक्स’ के रूप में किसी पर कोई बोझ नहीं पड़ा.
उन्होंने कहा कि जब महामारी आयी, तो हमने महसूस किया कि अगर हमें अर्थव्यवस्था की रिकवरी के लिए काम करना है, तो हमें इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण पर जोर देना होगा. इसलिए हमने कैपिटल एक्सपेंडीचर का रास्ता अपनाया. निर्मला सीतारमण ने कहा कि अब हम डिजिटल बैंक की स्थापना करने की दिशा में बढ़ रहे हैं. एक-दो नहीं 75 डिजिटल बैंक. इसी साल हम 75 डिजिटल बैंक की स्थापना करने जा रहे हैं.
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वित्त मंत्री ने अमेरिकी लोगों को बताया कि कैसे लोगों ने भारत सरकार के साथ मिलकर सफलतापूर्वक कोविड-19 महामारी और उसकी रोकथाम के लिए लगाये गये ‘लॉकडाउन’ से उत्पन्न चुनौतियों का सामना किया और कैसे वे उससे सफलतापूर्वक निपट सके. उन्होंने कहा, ‘महामारी और उसके बाद पुनरुद्धार को ध्यान में रखते हुए जब हम भारत को देखते हैं, हम अपने सामने के दशक को देखते हैं. वर्ष 2030 एक मजबूत दशक होगा और भारत निश्चित रूप से तीव्र आर्थिक वृद्धि हासिल करने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक होगा.’
When pandemic came, we realised that the best multiplier that we'll have for economic recovery would be to spend money on building infrastructure. So, capital expenditure was our route to recovery…Now we're in the process of setting up digital banks, not one but 75 this year:FM pic.twitter.com/8V39WlgN81
— ANI (@ANI) April 19, 2022
निर्मला सीतारमण ने कहा कि कोविड-19 से पहले और उसके बाद भारत ने कई संरचनात्मक सुधार किये. उसे आगे बढ़ाने के लिए महामारी को अवसर में बदला. वित्त मंत्री ने कहा कि भारत ने महामारी से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने को लेकर जो कदम उठाये, वह अपने आप में अलग है. हमने मांग प्रबंधन पर आश्रित होने की बजाय आपूर्ति व्यवस्था से जुड़े सुधारों को आगे बढ़ाया. उन्होंने महामारी से पूर्व किये गये सुधारों में जीएसटी (माल एवं सेवा कर) और डिजिटलीकरण कार्यक्रमों के सफल क्रियान्वयन का जिक्र किया.
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