विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी से बैंकों को लौटाए 18000 करोड़ रुपये, केंद्र ने सुप्रीमकोर्ट से कहा

National News केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी जैसे भगोड़े कारोबारियों के 18,000 करोड़ रुपये बैंकों को लौटा दिए गए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने पीएमएलए (PMLA) के प्रावधानों को चुनौती देने की याचिका पर सुनवाई की.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 23, 2022 9:35 PM

National News केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को आज भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी, मेहुल चौकसी और विजय माल्या को लेकर अहम जानकारी दी है. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी जैसे भगोड़े कारोबारियों के 18,000 करोड़ रुपये बैंकों को लौटा दिए गए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने पीएमएलए (PMLA) के प्रावधानों को चुनौती देने की याचिका पर सुनवाई की.

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने रखा केंद्र का पक्ष

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में प्रावधानों का बचाव करते हुए कहा कि विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी से बैंकों को 18,000 करोड़ रुपये लौटाए गए हैं. केंद्र की ओर से जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और सीटी रवि कुमार की बेंच के सामने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केंद्र का पक्ष रखा. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी कि यह रकम बैंकों को लौटा दिया गया है.

4,700 पीएमएलए मामलों की जांच कर रही ईडी

इससे पहले सुप्रीम ने भगोड़े बिजनेसमैन विजय माल्या के खिलाफ कोर्ट की अवमानना करने का एक केस 24 फरवरी के लिए टाल दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने विजय माल्या को दो हफ्ते का वक्त दिया है. वकील के जरिए कोर्ट में अर्जी डालने के लिए यह आखिरी वक्त है. तुषार मेहता ने कहा कि ईडी (ED) द्वारा 4,700 पीएमएलए मामलों की जांच की जा रही है. पिछले पांच सालों में हर साल जांच के लिए उठाए गए मामलों की संख्या बढ़ रही है. साल 2015-16 में 111 मामले थे, 2020-21 में यह 981 तक हो चुके हैं. पिछले पांच वर्षों 2016-17 से 2020-21 के दौरान ऐसे अपराधों के लिए 33 लाख एफआईआर दर्ज हुईं, लेकिन पीएमएलए के तहत केवल 2,086 मामलों की जांच की गई.

सुप्रीम कोर्ट कर रहा याचिकाओं पर सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट उन याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें PMLA के तहत अपराध की आय की तलाशी, जब्ती, जांच और कुर्की के लिए प्रवर्तन निदेशालय ( ED) को उपलब्ध शक्तियों के व्यापक दायरे को चुनौती दी गई है. इस मामले में कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी और मुकुल रोहतगी सहित कई वरिष्ठ वकीलों ने हाल के PMLA संशोधनों के संभावित दुरुपयोग से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दलीलें दी हैं.

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