Indian Economy: भारत ब्रिटेन को पछाड़कर दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है. अब सिर्फ अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी ही उससे आगे हैं. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने यह अनुमान जताया है. एक दशक पहले तक भारत बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के मामले में 11वें पायदान पर था, जबकि ब्रिटेन पांचवें स्थान पर था. लेकिन, अप्रैल-जून तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था में रिकॉर्ड विस्तार होने से यह ब्रिटेन से आगे निकल गई है और ब्रिटेन छठे पायदान पर खिसक गया है.
भारत के ब्रिटेन से आगे निकलने का अनुमान ब्लूमबर्ग की गणनाओं पर आधारित है जिसे उसने आईएमएफ के डेटाबेस और ऐतिहासिक विनिमय दरों के आधार पर तैयार किया है. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में यह निष्कर्ष पेश करते हुए कहा गया, समायोजित आधार पर और प्रासंगिक तिमाही के अंतिम दिन डॉलर विनिमय दर को ध्यान में रखते हुए मार्च में खत्म तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार सांकेतिक नकदी के साथ 854.7 अरब डॉलर था. इसी पैमाने पर ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था का आकार 816 अरब डॉलर था. दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था भारत के अगले कुछ वर्षों में ब्रिटेन को और भी पीछे छोड़ देने की संभावना है.
कोटक महिंद्रा बैंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी उदय कोटक ने एक ट्वीट में कहा कि दुनिया की 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में अपने औपनिवेशिक शासक ब्रिटेन को पीछे छोड़ना भारत के लिए गर्व की बात है. ब्रिटेन की 3,200 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के मुकाबले भारत की अर्थव्यवस्था 3,500 अरब डॉलर की है. लेकिन, जनसंख्या के लिहाज से देखें तो भारत की 1.4 अरब आबादी की तुलना में ब्रिटेन की जनसंख्या 6.8 करोड़ है. प्रति व्यक्ति जीडीपी हमारे 2,500 डॉलर की तुलना में वहां 47,000 डॉलर है। अभी हमें लंबी दूरी तय करनी है. आइए इसके लिए तैयार रहते हैं. भारत की जनसंख्या ब्रिटेन की आबादी की 20 गुना होने से यहां का प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (GDP) भी कम है.
वेदांता समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कहा कि हम अभी-अभी ब्रिटेन को पछाड़कर दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन गए हैं. भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के लिए यह कितना प्रभावशाली पड़ाव है. अगले कुछ वर्षों में हम शीर्ष तीन में शामिल होंगे. भारत का जीडीपी अप्रैल-जून 2022 की तिमाही में 13.5 फीसदी की दर से बढ़ा है जो एक साल में सबसे तेज रफ्तार है. इसके साथ ही भारत एक बार फिर दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन गया है. हालांकि, बढ़ती व्याज लागत और विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में मंदी की आहट से आगामी तिमाहियों में वृद्धि की रफ्तार मंद पड़ने का खतरा मंडरा रहा है.
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