‘आर्बीट्रेज फंड’ को नहीं जानते भारत के लोग, जान जाएंगे तो बन जाएंगे करोड़पति

Arbitrage Fund: बीते एक साल के दौरान आर्बीट्रेज फंडों में 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया गया. गौर करने वाली बात यह है कि आर्बीट्रेजर फंड में रिटर्न तभी मिलेगा, जब फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट के एक्सपायर के समय कैश और डेरिवेटिव सेगमेंट में शेयर की कीमत में गिरावट न हो.

By KumarVishwat Sen | September 4, 2024 3:37 PM
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Arbitrage fund: भारत के लोगों में बीते कुछ सालों के दौरान सरकारी बचत योजनाओं के बजाए म्यूचुअल फंडों में पैसा लगाने के प्रति दिलचस्पी बढ़ी है. लेकिन, भारत के ज्यादातर लोगों को आर्बीट्रेज फंड के बारे में जानकारी नहीं है. सही मायने में वे अगर इस आर्बिट्राज फंड के बारे में जान जाएंगे, तो बहुत ही आसानी से करोड़पति बन सकते हैं. फिलहाल, इस आर्बीट्रेज फंड में केवल बड़े लोग ही निवेश कर रहे हैं, जिनके पास पैसा अधिक है. अपनी मेहनत की कमाई से छोटी-छोटी बचत करने वाले लोग अभी म्यूचुअल फंड में ही पैसा लगाकर करोड़पति बनने की फिराक में लगे हुए हैं. आइए, जानते हैं कि यह आर्बीट्रेज फंड क्या है?

आर्बीट्रेज फंड क्या है?

आर्बीट्रेज फंड भी म्यूचुअल फंड की ही तरह शेयर बाजार से जुड़ा हुआ फंड है. इसका शेयर एक से अधिक एक्सचेंजों में लिस्टेड होता है और विभिन्न स्टॉक एक्सचेंजों में इनकी कीमतों में थोड़ा अंतर भी होता है. इसी स्थिति का फायदा उठाते हुए खरीद-बिक्री के जरिए मिलने वाले रिटर्न को आर्बीट्रेज कहा जाता है. आर्बीट्रेजर कम कीमत पर किसी भी स्टॉक एक्सचेंज से शेयर की खरीद करता है और तुरंत उसे जिस एक्सचेंज में कीमत थोड़ी अधिक मिलती है, वहां उसे बेच देता है. इस तरह से जुटाए गए फंड को आर्बीटेज फंड कहते हैं. आर्बीट्रेजर अपने निवेश का करीब 65 फीसदी हिस्सा शेयरों में लगाते हैं.

आर्बीट्रेज फंड से कितना रिटर्न मिलता है?

फ्रैंकलिन टैंपलोन की एक रिपोर्ट के अनुसार, बीते एक साल के दौरान आर्बीट्रेज फंडों में 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया गया. इस निवेश के जरिए पिछले 12 महीनों के दौरान आर्बीट्रेज फंडों ने औसतन रिटर्न 7.48 फीसदी तक दिया है. हालांकि, आर्बीट्रेज फंडों से मिलने वाला यह रिटर्न अधिक नहीं है, लेकिन बड़े निवेशकों की पिछले कुछ सालों में इसके प्रति दिलचस्पी बढ़ी है.

आर्बीट्रेज फंडों से कमाई कैसे होती है?

आर्बीट्रेज फंड चलाने वाली असेट्स मैनेजमेंट कंपनियां एक स्टॉक एक्सचेंज से कम कीमत पर किसी कंपनी का शेयर खरीदते हैं और कुछ ही देर में अधिक पैसा मिलने पर उसे दूसरे एक्सचेंज में बेच देते हैं. जैसे, किसी एक एक्सचेंज में किसी कंपनी के एक शेयर की कीमत 100 रुपये है और उस शेयर पर दूसरे एक्सचेंज में 105 या 110 रुपये मिल रहा है, तो आर्बीट्रेजर उसे 5 या 10 रुपये के मुनाफे पर उसे दूसरे एक्सचेंज में जाकर बेच देते हैं. आम तौर पर आर्बीट्रेजर कम कीमत वाले शेयर को कैश सेगमेंट से खरीदते हैं और डेरिवेटिव सेगमेंट वाले एक्सचेंज में बेच देते हैं. वे कैश सेगमेंट से कभी भी किसी कंपनी का एक-दो शेयर नहीं खरीदते, बल्कि एक दिन में मोटी कमाई करने के लिए 100-200 शेयर खरीदते हैं और कुछ ही देर में हजारों रुपये की कमाई कर लेते हैं. गौर करने वाली बात यह है कि आर्बीट्रेजर फंड में रिटर्न तभी मिलेगा, जब फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट के एक्सपायर के समय कैश और डेरिवेटिव सेगमेंट में शेयर की कीमत में गिरावट न हो.

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