क्या 2025 तक बांग्लादेश से भी अधिक गरीब हो जाएगा भारत? जानें क्या कहता PIB Fact check
तथाकथित तौर पर आईएमएफ की वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक ताजा रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 2025 तक भारत तरक्की के मामले में बांग्लादेश से ज्यादा गरीब हो जाएगा, जिससे भारत में गरीबी और बढ़ जाएगी. जब इस खबर की पीआईबी की तरफ से जांच-परख की गई, तो पाया गया कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे यह दावा फर्जी है.
नई दिल्ली : ‘वर्ष 2025 तक भारत पड़ोसी बांग्लादेश से भी अधिक गरीब हो जाएगा?’ आईएमएफ के ताजा विश्व आर्थिक आउटलुक में तथाकथित इस रिपोर्ट को पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) ने अपने फैक्ट चेक में फर्जी बताया है. सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही इस रिपोर्ट पर आईएमएफ (अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष) की प्रबंध निदेशक (एमडी) क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने कहा कि भारत एक उज्ज्वल स्थान बना हुआ है और 2023 के वैश्विक विकास में करीब 15 फीसदी तक योगदान देगा.
2025 तक बांग्लादेश से भी अधिक गरीब हो जाएगा भारत?
तथाकथित तौर पर आईएमएफ की वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक ताजा रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 2025 तक भारत तरक्की के मामले में बांग्लादेश से ज्यादा गरीब हो जाएगा, जिससे भारत में गरीबी और बढ़ जाएगी. वहीं, जब इस खबर की पीआईबी की तरफ से जांच-परख की गई, तो पाया गया कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे यह दावा फर्जी है. आईएमएफ की तरफ से इस तरह की कोई रिपोर्ट नहीं दी गई है. ऐसे में सभी से अनुरोध है कि वे सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस तरह की खबरों पर बिना पुष्टि के भरोसा ना करें. इस तरह की खबरों पर आप भरोसा करने गुमराह हो सकते हैं.
It is being falsely claimed that as per IMF's latest World Economic Outlook, "India will be poorer than Bangladesh by 2025 & is no more a developing nation" #PIBFactcheck
✅India remains a ‘bright spot’ & contribute 15% of global growth in 2023: IMF MD Kristalina Georgieva pic.twitter.com/82rDIcyxU4
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) April 3, 2023
गरीब देशों की बढ़ती जरूरतों को न भूलें : क्रिस्टालिना जॉर्जीवा
आईएमएफ के ट्विटर हैंडल से 31 मार्च 2023 को ट्वीट एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष और विश्व बैंक के तत्वावधान में अगले सप्ताह होने वाली बैठक में शामिल होने के लिए सदस्य देशों के वित्त मंत्री और केंद्रीय बैंकर पहुंचेंगे, तो उनके पास चर्चा करने के लिए वैश्विक अर्थव्यवस्था की नाजुक रिकवरी से लेकर वित्तीय अस्थिरता के जोखिम से लेकर यूक्रेन में रूस के युद्ध के परिणाम तक की काफी सारी चीजें होंगी, लेकिन यह जरूरी है कि वे दुनिया के सबसे गरीब देशों की बढ़ती जरूरतों को न भूलें. ये रिपोर्ट आईएमएफ के एमडी क्रिस्टालिना जॉर्जीवा के नाम से प्रकाशित किया गया है.
The Poverty Reduction and Growth Trust, the IMF’s tried-and-tested instrument to assist the world’s poorest nations, is in urgent need of replenishment.
Read the blog by the IMF Managing Director Kristalina Georgieva: https://t.co/i2aCkAAXXT pic.twitter.com/US9PZPD83J
— IMF (@IMFNews) March 31, 2023
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कोरोना महामारी ने अर्थव्यवस्था को कर दिया तबाह
इससे पहले, 27 मार्च 2023 को आई एक रिपोर्ट में आईएमएफ चीफ ने कहा कि इस वर्ष विश्व अर्थव्यवस्था में केवल 3 फीसदी का विस्तार होगा. बढ़ती ऋण लागत, यूक्रेन में युद्ध और कोरोना महामारी ने अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया है. आईएमएफ प्रमुख ने कहा कि यह स्पष्ट है कि सिलिकॉन वैली बैंक के पतन और यूबीएस द्वारा क्रेडिट सुइस को खरीदने के बाद वित्तीय स्थिरता के लिए जोखिम और बढ़ गया है.
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