Export: भारत की रोटी खाएगा पूरा नेपाल, 2 लाख टन गेहूं का होगा निर्यात
Export: भारत सरकार ने निर्यात नीति में लचीलापन दिखाते हुए नेपाल में गेहूं के निर्यात अनुमति दी. इस निर्यात के लिए नेपाल को प्राथमिकता दी गई, जिससे पड़ोसी देश की खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके.
Export: केंद्र सरकार ने नेपाल को 2 लाख टन गेहूं निर्यात करने की अनुमति दी है. सरकार की ओर से यह फैसला दोनों देशों के बीच खाद्य सुरक्षा और आपसी सहयोग को ध्यान में रखते हुए लिया गया है. इस निर्णय से नेपाल में गेहूं की आपूर्ति बढ़ेगी और वहां की खाद्य वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी. विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने अधिसूचना में कहा कि निर्यात की अनुमति राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड (एनसीईएल) के माध्यम से दी गई है.
नेपाल में बढ़ी गेहूं की मांग
नेपाल में हाल के महीनों में गेहूं की मांग बढ़ी है, जबकि वहां का उत्पादन घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है. भारत और नेपाल के बीच वर्षों से मजबूत व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंध हैं. यह कदम दोनों देशों के बीच आर्थिक और कूटनीतिक संबंधों को और सुदृढ़ करेगा. रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण वैश्विक स्तर पर गेहूं की आपूर्ति में कमी आई है, जिसका नेपाल देशों पर सीधा असर पड़ रहा है.
निर्यात के लिए पड़ोसी देश को प्राथमिकता
भारत सरकार ने निर्यात नीति में लचीलापन दिखाते हुए यह अनुमति दी. इस निर्यात के लिए नेपाल को प्राथमिकता दी गई, जिससे पड़ोसी देश की खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके. भारत से नेपाल 2 लाख टन गेहूं की खेप चरणबद्ध तरीके से भेजी जाएगी. इसके साथ ही, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि नेपाल को गेहूं उचित दरों पर उपलब्ध हो.
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भारत के सहयोग से नेपाल में महंगाई घटेगी
भारत की ओर से किए जाने वाले निर्यात से नेपाल में गेहूं की कमी को पूरा किया जा सकेगा और वहां के बाजारों में स्थिरता आएगी. भारत-नेपाल संबंधों में मजबूती आएगी और दोनों देशों के बीच भरोसा बढ़ेगा. गेहूं के निर्यात से भारतीय किसानों को भी अतिरिक्त आय प्राप्त होगी. कृषि मंत्रालय ने कहा, “यह कदम भारत की पड़ोसी पहले नीति का हिस्सा है. हम अपने पड़ोसी देशों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.”
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