IMF Growth रिपोर्ट में भारत अव्वल, मंदी की आहट के बीच अमेरिका की आर्थिक वृद्धि दर एक फीसदी रहने का अनुमान
आईएमएफ ने अनुमान जाहिर किया है कि अगले साल अमेरिका की आर्थिक वृद्धि दर महज एक फीसदी रह सकती है. वहीं, चीन की आर्थिक वृद्धि दर को लेकर आईएमएफ ने कहा है कि इस साल चीन की ग्रोथ रेट 3.2 फीसदी रह सकती है. जबकि भारत की ग्रोथ रेट इन दोनों से ज्यादा होगी.
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने (IMF) ने भारत अमेरिका समेत दुनिया के कई बड़े देशों की अर्थव्यवस्थाओं की ग्रोथ रेट को लेकर अनुमान जारी किया है. आईएमएफ के मुताबिक 2022 और 2023 में भारत का ग्रोथ रेट अन्य देशों की तुलना में काफी तेज रहेगा. लेकिन पहले के मुकाबले यह रेट थोड़ी धीमी होगी. वहीं आईएमएफ ने अनुमान लगाया है कि अमेरिका में मंदी की आहट के कारण कई लोगों को जॉब से हाथ धोना पड़ सकता है. गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने 2023 के लिये विश्व अर्थव्यवस्था की वृद्धि को लेकर अपने अनुमान को घटा दिया है.
अमेरिका की वृद्धि दर घटेगी: अपनी अनुमानित रिपोर्ट में आईएमएफ ने कहा है कि अमेरिकी में इस साल आर्थिक वृद्धि दर 1.6 फीसदी रहेगी. इससे पहले जुलाई में आईएमएफ ने कहा था कि ग्रोथ रेट 2.3 फीसदी तक रह सकती है. आईएमएफ ने यह भी अनुमान जाहिर किया है कि अगले साल अमेरिका की आर्थिक वृद्धि दर महज एक फीसदी रह सकती है. वहीं, चीन की आर्थिक वृद्धि दर को लेकर आईएमएफ ने कहा है कि इस साल चीन की ग्रोथ रेट 3.2 फीसदी रह सकती है.
इन कारणों से घटेगी ग्रोथ रेट: आईएमएफ ने कहा है कि हाल के दिनों में कई ऐसी वैश्विक घटना घटी हैं जो दुनिया के तमाम अर्थव्यवस्था पर अपना प्रभाव डाल रही है. IMF ने कहा कि रूस-यूक्रेन के बीच जारी 8 महीने जंग, दुनिया के देशों पर महंगाई का दबाव, ब्याज दर में इजाफा, और वैश्विक महामारी के प्रभाव के कारण दुनिया की अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है.
2.7 फीसदी रहेगी दुनिया की अर्थव्यवस्था की ग्रोथ रेट: आईएमएफ ने मंगलवार को अपनी रिपोर्ट में कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था का ग्रोथ रेट अगले साल यानी 2023 में महज 2.7 फीसदी रहेगा. वहीं, आईएमएफ ने इस साल वैश्विक वृद्धि दर 3.2 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. गौरतलब है कि बीते साल दुनिया के अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 6 फीसदी के करीब थी.
भाषा इनपुट के साथ
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.