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कोरोना में फंसा देश, उधर चीन ने HDFC में किया बड़े पैमाने पर निवेश

China के सरकारी बैंक पीबीओसी ने भारत के शीर्ष निजी बैंक HDFC Bank के 1.75 करोड़ शेयर खरीद लिया है. बताया जा रहा है कि यह बैंक की कुल इक्विटी का 1.01 है. स्टॉक एक्सचेंज की आंकड़ों के अनुसार बैंकों का यह शेयर खरीदी जनवरी से मार्च बीच हुई है.

By AvinishKumar Mishra | April 15, 2020 8:09 AM

नयी दिल्ली : चीन के सरकारी बैंक पीबीओसी ने भारत के शीर्ष निजी हाउसिंग कंपनी HDFC के 1.75 करोड़ शेयर खरीद लिया है. बताया जा रहा है कि यह कंपनी की कुल इक्विटी का 1.01 है. स्टॉक एक्सचेंज की आंकड़ों के अनुसार बैंकों का यह शेयर खरीदी जनवरी से मार्च बीच हुई है.

यूरोप के बाद अब चीन की नजर भारतीय बैंकों पर है, जो कि इस समय काफी खस्ताहाल स्थिति में है. माना जा रहा है कि चीन आने वाले समय में और भी कई निजी बैंकों के शेयर खरीद सकता है.

41 प्रतिशत शेयर टूटा– स्टॉक एक्सचेंज की रिपोर्ट के अनुसार फरवरी से अब तक एचडीएफसी के 41 प्रतिशत शेयर टूट चुका है, जिसके कारण कंपनी की स्थिति काफी खराब है. बताया जा रहा है कि इसी कारण से बैंक का शेयर गिरा और चीन के केन्द्रीय बैंक ने इसका लाभ उठाते हुए उसके शेयर खरीद लिये.

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1.6 प्रतिशत हो सकती है जीडीपी– इससे पहले, रेटिंग एजेंसी मूडीज ने कोरोनावायरस के कारण भारत में आर्थिक मंदी आने का अनुमान लगा चुका है. मूडीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि दूसरी तिमाही तक भारत की जीडीपी 1.6 प्रतिशत पर आ जायेगी. वहीं विश्व बैंक की प्रमुख भी आर्थिक मंदी आने की चेतावनी दे चुकी है.

पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने दुनियाभर की कंपनियों में निवेश किया है. बीपी पीएलसी और रॉयल डच शेल पीएलसी जैसी दिग्गज कंपनियों में भी चीन के केंद्रीय बैंक की हिस्सेदारी है.

कोरोना से 1 लाख से अधिक मौत– दुनिया भर में कोरोनावायरस के कारण एक लाख से अधिक लोगों की मोती हो चुकी है. वहीं 16 लाख से अधिक लोग इस वायरस के चपेट में अब भी है. यह वायरस सबसे पहले चीन के वुहान शहर में अपना प्रभाव दिखाया था.

एशियाई बाजर में पांव पसारता चीन– कोरोनावायरस के कहर के कारण पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था अस्त व्यस्त हो गयी है. चीन इसके फायदा उठाने में लगा है. चीन चाहता है कि बाजारों बेहतर निवेश के लिए इससे अच्छा मौका नहीं हो सकता है. हालांकि कोरोना के जंग के बीच चीन के इस सौदे का जमकर आलोचना हो रही है. वहीं कहा जा रहा है कि चीन के निवेशक डिस्ट्रेस बाइंग के उस्ताद हैं.

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