भारत में ग्रामीणों को दोहरा झटका, खाने-पीने के सामान की महंगाई और कम आय से कमजोर हुई मांग
आगामी त्योहारों के दौरान उपभोग मांग बढ़ सकती है. हालांकि, यह वृद्धि मानसून की स्थिति पर निर्भर करेगी. ग्रामीण मांग को देश में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि को प्रभावित करने वाला एक महत्वपूर्ण कारक माना जाता है.
भारत के ग्रामीण इलाकों में मांग कमजोर होती जा रही है. एक रिपोर्ट के अनुसार देश की ग्रामीण मांग कमजोर हो रही है. अनियमित मानसून के कारण आमदनी कम होने तथा उच्च खाद्य मुद्रास्फीति के ‘दोहरे झटके’ से यह और भी प्रभावित हो सकती है. साख निर्धारण करने वाली घरेलू एजेंसी केयरएज रेटिंग्स ने एक रिपोर्ट में यह बात कही. रिपोर्ट के मुताबिक आगामी त्योहारों के दौरान उपभोग मांग बढ़ सकती है. हालांकि, यह वृद्धि मानसून की स्थिति पर निर्भर करेगी. ग्रामीण मांग को देश में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि को प्रभावित करने वाला एक महत्वपूर्ण कारक माना जाता है. कुछ FMCG (दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाली) कंपनियां पहले ही ग्रामीण मांग के मोर्चे पर चिंता जता चुकी हैं. रेटिंग एजेंसी ने कहा कि ग्रामीण मांग कमजोर बनी हुई है और यह उच्च खाद्य मुद्रास्फीति तथा कम आय के दोहरे झटके से प्रभावित हो सकती है. रिपोर्ट के मुताबिक कृषि आय के लिए जोखिम अधिक बना हुआ है क्योंकि मानसून के असमान वितरण ने कुछ फसलों की बुवाई को प्रभावित किया है. इससे पैदावार प्रभावित हो सकती है.
ग्रामीण बैंक प्रधानमंत्री जनधन खातों में दोहराव रोकने पर ध्यान देंः सीतारमण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों से प्रधानमंत्री जनधन योजना खातों में दोहराव को रोकने के लिये कदम उठाने का निर्देश दिया. क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) के प्रमुखों के साथ समीक्षा बैठक में सीतारमण ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) और वित्तीय समावेशन के तहत पैठ बढ़ाने की जरूरत पर बल दिया. उन्होंने कहा कि इन कार्यक्रमों को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए रूपरेखा तैयार करनी होगी. एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, वित्त मंत्री ने आरआरबी प्रमुखों से जनधन खातों में दोहराव की स्थिति दूर करने के लिये कदम उठाने को कहा. साथ ही विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में सेब उत्पादकों को भंडारण सुविधा के लिए कर्ज देने का आग्रह किया. सीतारमण ने उत्तरी क्षेत्र के क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की समीक्षा बैठक में आरआरबी की डिजिटल क्षमता बढ़ाने की बात कही. उन्होंने पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के प्रबंध निदेशक और सीईओ को यह सुनिश्चित करने को कहा कि बैंक के सभी आरआरबी एक नवंबर, 2023 तक लोगों को डिजिटल रूप से जोड़ने की क्षमता हासिल कर लें.
आरआरबी में केंद्र की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी
आरआरबी में केंद्र की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत है जबकि प्रायोजक बैंकों एवं राज्य सरकारों की हिस्सेदारी क्रमश: 35 प्रतिशत और 15 प्रतिशत है. वित्त मंत्री ने बैंकों से आरआरबी को एमएसएमई संकुलों के साथ संबद्ध करने और सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम मंत्रालय द्वारा पहचाने गये संकुल क्षेत्रों में ग्रामीण शाखाओं के नेटवर्क को बढ़ाने पर गौर करने को कहा. बैठक में वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी, मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ रिजर्व बैंक और नाबार्ड के प्रतिनिधि और राज्यों के अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारी तथा बैंक प्रतिनिधि मौजूद थे.
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