नयी दिल्ली : पूरी दुनिया में चीन से उपजे कोराना वायरस महामारी के फैलाव से त्रस्त भारत की सीमाओं में संघर्ष विराम के नियमों का उल्लंघन कर पड़ोसी देश पाकिस्तान द्वारा बमबारी करने और उसके लिए भारत की ओर से जवाबी कार्रवाई की बात कही जाए, तो आप शायद नहीं चौकेंगे. मगर, यदि आपको यह कहा जाए कि पाकिस्तानी टिड्डियों का सफाया करने के लिए भारत ब्रिटेन से मशीन मंगवा रहा है, तो आप दो बार जरूर सोचेंगे. जी हां, मगर यह सच है और वह यह कि पाकिस्तानी टिड्डियों का सफाया करने के लिए भारत सरकार ब्रिटेन से मशीन के आयात का ऑर्डर दे चुकी है.
दरअसल, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बुधवार को कहा कि भारत ने पाकिस्तान सीमा के निकटर्ती कुछ इलाकों में फसलों पर टिड्डियों के प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए ब्रिटेन से नयी मशीनों के आयात का ऑर्डर किया है. उन्होंने एक बयान में कहा कि कोविड-19 संकट के बावजूद राजस्थान, गुजरात और पंजाब सरकार के अधिकारी टिड्डियों के हमले को काबू करने में लगे हैं. इसके लिए ट्रैक्टर पर लगायी गयी दवा छिड़काव की मशीनें तथा दमकलें लगायी गयी हैं. इसके लिए अतिरिक्त उपकरणों की भी खरीद की जा रही है.
खेतों में टिड्डियों के हमले को रोकने की रणनीति दुरुस्त करने के लिए कीटनाशक विनिर्माताओं के साथ हुए वीडियो कांफ्रेंस के बाद तोमर ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें टिड्डियों के प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं और इसके प्रसार को रोकने में सफल भी हुए हैं. ब्रिटेन से नयी मशीनों के लिए ऑर्डर जारी किये जा रहे हैं और ये जल्द पहुंच जायेंगी. वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान हो रही बातचीत में कृषि राज्यमंत्री पुरुषोत्तम रूपाला और कैलाश चौधरी भी मौजूद रहे.
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कृषि मंत्री ने कहा कि आम तौर पर जून-जुलाई के दौरान प्रजनन के लिए पाकिस्तान के रास्ते टिड्डियों का दल भारत के रेगिस्तानी इलाकों में घुसता है, लेकिन इस बार टिड्डियों के झुंड अप्रैल में ही राजस्थान और पंजाब के सीमावर्ती जिलों में घुस आये थे. एक बयान में मंत्रालय ने कहा कि अभी तक (यानी 11 मई 2020 तक) राजस्थान के जैसलमेर, श्रीगंगानगर, जोधपुर, बाड़मेर और नागौर जिलों तथा पंजाब के फाजिल्का जिले में 14,299 हेक्टेयर क्षेत्र में हापर्स और पिंक स्वार्म को नियंत्रित किया गया है.
राजस्थान के बाड़मेर, फलौदी (जोधपुर), नागौर, श्रीगंगानगर और अजमेर जिलों में टिड्डों (अपरिपक्व पिंक लोकस्ट्स) के दल सक्रिय हैं और उनके नियंत्रण काम शुरू हुआ है. उन्होंने कहा कि नुकसान उठाने वाले किसानों को केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (एनडीआरएफ) से मुआवजा दिया है. उन्होंने कहा कि वैश्विक समुदाय ने भारत के प्रयासों के लिए उसकी सराहना की है.
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