Airlines Industries: भारतीय एयरलाइंस कंपनियों के अच्छे दिन फिर से लौटने वाले हैं. बताया जा रहा है कि यात्रियों की बढ़ती संख्या और गो फर्स्ट की ग्राउंडिंग से उत्तपन्न शून्य को भरने के मौके को देखते हुए अगले 12 महीनों में विमानन कंपनियों के द्वारा अपने बेड़े में 25 प्रतिशत तक का इजाफा किया जाएगा. आंकड़ों के अनुसार, भारतीय एयरलाइंस के पास लगभग 600 परिचालन विमान हैं. जबकि, इंजन संबंधी समस्याओं और गो फर्स्ट बेड़े सहित कई कारणों से बंद किए गए 150 से अधिक विमानों अलग से हैं. एयरलाइनों में, एयर इंडिया नए साल में 92 विमान जोड़ेगी, जबकि, इंडिगो 35 विमान जोड़ेगी. रिपोर्ट के अनुसार, अकासा एयर भी 2024 में 18 विमान जोड़ेने की तैयारी चल रही है. एयर इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक (एमडी) कैंपबेल विल्सन ने कहा कि अक्टूबर 2023 से अगले साल अक्टूबर तक, एयर इंडिया समूह 92 विमान जोड़ेगा, जिनमें से 42 अकेले एयर इंडिया के होंगे और बाकी इसकी सहायक कंपनी एआई एक्सप्रेस द्वारा होंगे. वर्तमान में 120 विमान एयर इंडिया के परिचालन बेड़ा में शामिल हैं.
2024 में इंडिगो जोड़ेगा 35 विमान
देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो के बेड़े में अभी तक 334 विमान हैं. कंपनी जनवरी 2024 से हर सप्ताह एक विमान जोड़ने का लक्ष्य रखा है. कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि इंडिगो का लक्ष्य जनवरी से शुरू होकर 2024 में हर हफ्ते एक विमान जोड़ना है, हालांकि, चूंकि कुछ पट्टे वाले विमान वापस कर दिए जाएंगे, इसलिए अगले साल कुल 35 विमान जोड़े जाएंगे. इसी तरह, भारत की सबसे नई एयरलाइन अकासा को इस साल अगस्त में अपने 20वें विमान की डिलीवरी मिली. एयरलाइन के अधिकारियों ने बताया कि कंपनी को इस महीने दो विमानों की डिलीवरी मिलने वाली है. यह पूछे जाने पर कि अगले साल कितने विमान शामिल करने की योजना है, एयरलाइन के एक अधिकारी ने कहा कि एयरलाइन अगले साल जनवरी से दिसंबर तक अपने बेड़े में 18 विमान शामिल करेगी. एविएशन कंसल्टेंसी फर्म CAPA इंडिया ने हाल ही में कहा था कि भारतीय वाहकों के पास कम से कम 150 विमान हैं जो ग्राउंडेड हैं, जो मार्च 2024 के अंत तक 200 को पार कर जाएंगे.
गो फर्स्ट के नुकसान से मिलेगी राहत
साल 2024 में विमान कंपनियों के अपने बेड़े में करीब 25 प्रतिशत तक बढ़ोत्तरी करने से इस साल मई से गो फर्स्ट की ग्राउंडिंग के कारण हुए नुकसान और क्षमता में गिरावट से उबरने में मदद मिलेगी. इससे विमान यात्रियों की संख्या में हो रही बढ़ोत्तरी को भी प्रोत्साहित करने में मदद मिलेगी. हालांकि, विश्लेषकों का कहना है कि इंजन संबंधी समस्याओं के कारण मुख्य रूप से इंडिगो के विमानों की ग्राउंडिंग एक बड़ी चुनौती होगी. इस बीच, मूल्य निर्धारण और किराया यात्रियों के लिए चिंता का विषय रहा है. हवाई किराए कई कारकों से प्रभावित होते हैं, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण है कुछ मार्गों पर मांग में वृद्धि और परिचालन की लागत में वृद्धि. ऊंचे किराये के बावजूद, घरेलू यातायात ने 20 नवंबर को 459,526 यात्रियों का रिकॉर्ड बनाया. विश्लेषकों का कहना है कि भारतीय विमान कंपनियों की कोशिश अच्छी है. मगर, बढ़ोतरी पर्याप्त नहीं है और किराया ऊंचा बना रहेगा. वहीं, कुछ विशेषज्ञ क्षमता की स्थिति को लेकर संशय में हैं.
300 विमानों की जरूरत
मार्टिन कंसल्टेंसी के प्रमुख मार्क मार्टिन ने कहा कि हमें कम से कम 300 विमानों की जरूरत है ताकि उद्योग बिना किसी रुकावट के काम कर सके. वर्तमान में सभी एयरलाइंस में विमानों की वास्तविक ग्राउंडिंग 250 है. न कि वह संख्या जो एयरलाइंस द्वारा दावा किया जा रहा है. 150 विमान जोड़ने से यात्रियों की बढ़ती संख्या पूरी नहीं होगी. हवाई किराए में भी भारी वृद्धि होगी, जिससे अंततः यात्रियों को परेशानी होगी. हालांकि, यात्रा उद्योग के मांग में वृद्धि होगी. भारत में हाल में विमान यात्रियों की बढ़ती संख्या के कारण ही ये हुआ है कि कंपनियों ने नए विमान को शामिल करने का मन बनाया है. टीएएआई (ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया) के अध्यक्ष ज्योति मयाल ने कहा कि यात्रियों की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और टीएएआई के अध्यक्ष के रूप में, हमें उम्मीद है कि बढ़ी हुई मांग की यह प्रवृत्ति साल के उत्तरार्ध में भी जारी रहेगी.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.