कभी अदाणी-अंबानी से ज्यादा थी इन उद्योगपतियों की शोहरत, आज बर्बादी के कगार पर पहुंचे, पैसा और नाम दोनों डूबा
कुछ लोग खेती करके अपना नाम कमा रहे हैं, तो कुछ ने व्यापार में अपना नाम बनाया है. मगर आज हम ऐसे लोगों की बात करेंगे जो एक वक्त करोड़ों की दौलत शोहरत के मालिक थे. आज बर्बादी की कगार पर पहुंच गए हैं.
रैनबेक्सी के प्रमोटर मलविंदर सिंह और शिविंदर सिंह फॉर्मा क्षेत्र के बड़े उद्योगपतियों में शामिल थे. इन्हें विदेशों में भारतीय सफलता के आईकन के रुप में देखा जाता था. 2015 में वो देश के सबसे धनवान लोगों की लिस्ट में 35वें स्थान पर थे. दोनों भाइयों की संयुक्त नेटवर्थ 2.5 अरब डॉलर थी. मगर, 2016 में कंपनी पर करीब 13 हजार करोड़ का कर्जा हो गया. दरअसल, रैनबेक्सी ने साल 2008 में अपनी हिस्सेदारी एक जापानी कंपनी को बेचा. इससे मिले पैसे को कंपनी ने गलत तरीके से निवेश किया. लिहाजा, कोराबार तो डूबा ही, बदनाम भी हो गए.
किंग ऑफ गुड टाइम्स के नाम से मशहूर विजय माल्या को कौन नहीं जानता. खूबसूरत लड़कियों से घीरे उनके पार्टी की फोटो हमेशा से लोगों का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करती रही है. किंगफिशर एयरलाइंस, यूनाइटेड स्पिरिट, मैंगलोर केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स व बर्जर पेंट्स जैसी बड़ी और मशहूर कंपनियों के ये मालिक थे. इन्होंने देश के 17 बैंकों से करीब 9 हजार करोड़ रुपये का लोन लिया. इसके बाद, डिफॉल्टर हो गए और देश छोड़कर भाग गए. सरकार ने अभी तक इनकी कई संपत्तियां नीलाम कर दी है.
गीतांजलि ज्वेलरी के मालिक मेहुल चौकसी को भारत सरकार ने भगोड़ा घोषित कर दिया है. एक वक्त गीतांजलि ज्वेलरी की देशभर में चार हजार से ज्यादा स्टोर थी. इनकी नेटवर्थ पांच हजार करोड़ थी. 2018 में इनका घोटाला सामने आया. इन्होंने अपने भांजे के साथ मिलकर 13.5 हजार करोड़ का पीएनबी बैंक में घोटाला किया था. वर्तमान में इनके पास 23 करोड़ की संपत्ति बची है.
नीरव मोदी, मेहुल चोकसी के भांजे हैं. उन्हें पीएनबी घोटाले का मास्टर माइंड माना जाता है. अभी वो लंदन पुलिस के कब्जे में हैं. उनपर, मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर सरकारी कर्मचारियों को प्रताड़ित करने जैसे गंभीर आरोप है. आज के वक्त में इनपर 30 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज है.
यस बैंक के संस्थापक और प्रबंध निदेशक राणा कपूर एक वक्त करोड़ों के मालिक थे. हालांकि, आजकल जेल में हैं. उनके बैंक में रहते, 30 हजार करोड़ का लोन दिया गया. इसमें 20 हजार करोड़ रुपये बैड लोन यानी पैसे कभी न वापस आने वाले लोन में बदल गए. इसकी वजह से बैंक कंगाली के हालत पर पहुंच गया था. बैंक के शेयर ऐसे टूटे कि आज तक संभल नहीं पाये हैं.
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