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पाकिस्तान में सब्सिडी वाले आटे के लिए मारामारी, टाटा समेत इन कंपनियों पर दिख रहा इकोनॉमिक क्राइसिस का असर!

Pakistan Economy Crisis: पाकिस्तान में सब्सिडी वाले आटे के लिए लोग मारामारी पर उतर आए हैं. आटे के लिए लोगों को घंटों लाइन में लगना पड़ रहा है. इस दौरान कई जगहों पर झड़प की खबरें भी सामने आ रही है.

By Samir Kumar | January 11, 2023 12:26 PM
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Pakistan Economy Crisis: पाकिस्तान में आर्थिक हालात लगातार खराब होता जा रहा है. देश में सब्सिडी वाले आटे के लिए लोग मारामारी पर उतर आए हैं. आटे के लिए लोगों को घंटों लाइन में लगना पड़ रहा है. इस दौरान कई जगहों पर झड़प की खबरें भी सामने आ रही है. जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. दरअसल, आर्थिक संकट का सामना कर रहे पाकिस्तान में महंगाई चरम पर है और लोग जरूरी सामानों के लिए भी मोहताज हैं.

पाकिस्तान में भी गूंजता है टाटा का नाम

पाकिस्तान में जारी आर्थिक संकट का असर कई भारतीय फर्मों पर दिख रहा है. टाटा का नाम भारत में ही नहीं, बल्कि पाकिस्तान में भी गूंजता है और देश में टाटा पाकिस्तान कॉरपोरेट सेक्टर का एक बड़ा नाम है. टेक्सटाइल बिजनेस लिमिटेड मुजफ्फरगढ़-पंजाब में सूती धागे के निर्माण की पहली यूनिट स्थापित हुई थी. इसके बाद कंपनी का कारोबार बढ़ा तो टाटा कताई उद्योग में धागे का मानक बन गया. टाटा टेक्सटाइल मिल्स लिमिटेड की शुरुआत के बाद साल 1997 में कंपनी ने पाक में पहली स्पिनिंग मिल होने के नाते ISO-9002 सर्टिफिकेशन प्राप्त किया था. साल 2004 में यूनिट 2 से उत्पादन शुरू करके कंपनी ने अपने कारोबार को विस्तार दिया. पाकिस्तान की आर्थिक प्रगति में अब इस कंपनी का अहम योगदान है. लेकिन, फिलहाल पाकिस्तान में आर्थिक बदहाली का नजारा ऐसा है कि इस कंपनी के कारोबार पर भी खतरा मंडराने लगा है.

Jindal का पाकिस्तान से नाता 

जिंदल स्टील (Jindal Steel Works) के एमडी सज्‍जन जिंदल का भी पाकिस्तान में बड़ा कारोबार रहा है. सज्जन जिंदल और पाक के पूर्व पीएम नवाज शरीफ के व्यापारिक रिश्ते जगजाहिर रहे हैं. स्‍टील इंडस्‍ट्री के अलावा यह ग्रुप एनर्जी सेक्‍टर में भी सक्रिय है. वहां मौजूद इस ग्रुप के कारोबार पर भी असर पड़ने की संभावना बनी हुई है. पाकिस्तान में भारतीय कंपनियों की बात करें तो रूह अफजा का नाम भी आता है. इसकी शुरुआत भारत से ही हुई थी. हालांकि, अब यह पाकिस्तान में कारोबार कर रहा है. इस हकीम हाफिज अब्दुल मजीद ने साल 1906 में गाजियाबाद में इजाद किया था. उनकी मौत के बाद उनके बेटों अब्दुल हमीद और मोहम्मद सईद ने इस कारोबार को पाकिस्तान में शुरू किया. 1920 में वहां ये बड़ा ब्रांड बन गई. भारत समेत दुनियाभर में फेमस इस नाम पर भी आर्थिक बदहाली का साया मंडराता दिख रहा है.

भारतीय ब्रांड्स को उठाना पड़ सकता है नुकसान

रिपोर्ट्स के मुताबिक, आर्थिक संकट के कारण न केवल पाकिस्तान में कारोबार के लिहाज से भारतीय ब्रांड्स को नुकसान उठाना पड़ सकता है. बल्कि सैकड़ों ऐसी भारतीय कंपनियों के लिए भी संकट खड़ा हो चुका है, जिनमें पाकिस्तानियों की हिस्सेदारी है. इनमें टाटा स्टील, बिड़ला कॉरपोरेशन, हिंदुस्तान यूनिलीवर और एसीसी सीमेंट जैसे नाम हैं. भारत की कंपनियों में पाकिस्तानियों की हिस्सेदारी पर कस्टोडियन ऑफ एनिमी प्रॉपर्टी डिपार्टमेंट की एक रिपोर्ट की मानें तो देश की 109 पब्लिक लिस्टेड कंपनियों में पाकिस्तानी लोगों की हिस्सेदारी है. वहीं, एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 577 कंपनियां हैं, जिनमें पाकिस्तान के लोगों का पैसा लगा है और इनमें से 266 से ज्यादा कंपनियां भारतीय स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड हैं, जबकि 318 कंपनियां नॉन लिस्टेड हैं.

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