अगले दो वित्त वर्षों में 6.7% रहेगी भारत की आर्थिक वृद्धि दर, विश्व बैंक ने जताया अनुमान
Growth Rate: विश्व बैंक ने दो वित्त वर्ष के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि का अनुमान जाहिर किया है. अपनी रिपोर्ट में उसने कहा है कि भारत की स्थिर वृद्धि दर देश की आर्थिक नीतियों की सफलता और वैश्विक चुनौतियों के बावजूद इसकी आर्थिक मजबूती को दर्शाती है.
Growth Rate: विश्व बैंक के दक्षिण एशिया आर्थिक रिपोर्ट के अनुसार, भारत की आर्थिक वृद्धि दर अप्रैल 2025 से शुरू होने वाले दो वित्त वर्षों (2025-26 और 2026-27) में स्थिर रहकर 6.7% रहने का अनुमान है. यह स्थिरता भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती और सरकार की विकास समर्थक पहलों को दर्शाती है.
वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अनुमानित वृद्धि दर
विश्व बैंक के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की वृद्धि दर घटकर 6.5% रहने की संभावना है. यह गिरावट मुख्य रूप से निवेश में धीमी गति और विनिर्माण क्षेत्र की कमजोर वृद्धि को दर्शाती है. हालांकि, इसके बाद अगले दो वित्त वर्षों में भारत की वृद्धि दर में स्थिरता आने की उम्मीद है.
सेवा और विनिर्माण क्षेत्र को समर्थन
विश्व बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि सेवा क्षेत्र के निरंतर विस्तार और विनिर्माण गतिविधियों में मजबूती से भारत की वृद्धि को बल मिलेगा. इसके अलावा, निवेश में वृद्धि के लिए कारोबारी माहौल में सुधार और सरकारी पहलों का सकारात्मक प्रभाव रहेगा. निजी निवेश में तेजी से सार्वजनिक निवेश में कमी की भरपाई होने की उम्मीद है.
दक्षिण एशिया में सुधार
दक्षिण एशिया के लिए विश्व बैंक ने 2025-26 में 6.2% वृद्धि दर का अनुमान लगाया है, जिसमें भारत का मजबूत योगदान रहेगा. पाकिस्तान और श्रीलंका जैसे देशों में भी आर्थिक सुधार और बेहतर नीतियों के कारण इस क्षेत्र की औसत वृद्धि दर में सुधार होगा.
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आर्थिक नीतियों से स्थिर रहेगी वृद्धि दर
भारत की स्थिर वृद्धि दर देश की आर्थिक नीतियों की सफलता और वैश्विक चुनौतियों के बावजूद इसकी आर्थिक मजबूती को दर्शाती है. सेवा क्षेत्र का विस्तार, विनिर्माण गतिविधियों में सुधार और निवेश में तेजी जैसे कारक भारत को अगले दो वर्षों में दक्षिण एशिया का विकास इंजन बनाए रखने में मदद करेंगे.
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