Indian Economy: मजबूती से बढ़ रहा है भारत का खजाना, विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 642.63 अरब डॉलर पहुंचा

Indian Economy: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के द्वारा जारी डाटा के अनुसार, पिछले तीन सप्ताह से लगातार भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ रहा है. पिछले सप्ताह से 14 करोड़ डालर बढ़ा है. सितंबर, 2021 में देश का विदेशी मुद्राभंडार 642.45 अरब डॉलर के उच्च स्तर पर पहुंच गया था.

By Madhuresh Narayan | March 30, 2024 2:49 PM

Indian Economy: भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है. पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था इसे एक ग्लोबल कैटलिस्ट के रुप में देख रही है. इस बीच बताया जा रहा है कि 22 मार्च तक भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 14 करोड़ डॉलर बढ़कर 642.631 अरब डॉलर की नई ऊंचाई पर पहुंच गया है. भारतीय रिजर्व बैंक के द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार, यह लगातार पांचवां सप्ताह है, जब विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी हुई है. इससे एक सप्ताह पहले देश का कुल विदेशी मुद्रा भंडार 6.39 अरब डॉलर की वृद्धि के साथ 642.49 अरब डॉलर हो गया था. सितंबर, 2021 में देश का विदेशी मुद्राभंडार 642.45 अरब डॉलर के उच्च स्तर पर पहुंच गया था. लेकिन वैश्विक गतिविधियों के कारण उत्पन्न दबावों के बीच केंद्रीय बैंक ने रुपये की गिरावट को थामने के लिए पूंजी भंडार का उपयोग किया, जिससे मुद्रा भंडार में थोड़ी कमी आई थी.

गोल्ड रिजर्व भी बढ़ा

रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, 15 मार्च को समाप्त सप्ताह में मुद्राभंडार का अहम हिस्सा मानी जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियां 12.3 करोड़ डॉलर घटकर 568.38 अरब डॉलर हो गईं. डॉलर के संदर्भ में विदेशी मुद्रा आस्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं की घट-बढ़ का प्रभाव शामिल होता है. रिजर्व बैंक ने कहा कि समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान स्वर्ण आरक्षित भंडार का मूल्य 34.7 करोड़ डॉलर बढ़कर 51.48 अरब डॉलर हो गया. रिजर्व बैंक ने कहा कि स्पेशल विथड्रावल अथॉरिटी (एसडीआर) 5.7 करोड़ डॉलर घटकर 18.219 अरब डॉलर हो गया. रिजर्व बैंक के मुताबिक, समीक्षाधीन सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के पास भारत की आरक्षित जमा भी 2.7 करोड़ डॉलर घटकर 4.662 अरब डॉलर हो गयी.

Also Read: अवैध पैन कार्ड से ले रहे थे HRA का लाभ, आयकर विभाग ने आठ हजार से ज्यादा लोगों का लगाया पता

विदेशी मुद्रा भंडार क्यों महत्वपूर्ण है

विदेशी मुद्रा भंडार किसी भी देश के लिए महत्वपूर्ण है. इसी के माध्यम से देश की किसी दूसरे देश के साथ कारोबार करता है. उदाहरण के लिए, हमें किसी देश से कच्चा तेल खरीदना है. ये खरीदारी डॉलर में होगी. ऐसे में हमारे पास विक्रेता देश को देने के लिए पर्याप्त मुद्रा होनी चाहिए. विदेशी मुद्रा भंडार एक देश के लिए वित्तीय संगठनात्मक नियंत्रण का एक महत्वपूर्ण स्रोत होता है. यह एक नियंत्रण के रूप में काम कर सकता है जो विदेशी मुद्रा के स्तर को संतुलित रखता है और वित्तीय स्थिरता को बनाए रखता है. सरकारें अंतरराष्ट्रीय संगठनों को भुगतान करने में सक्षम होती हैं. इससे वह आर्थिक सहायता प्रदान कर सकती हैं, आंतरिक और बाहरी ऋण के लिए भुगतान कर सकती हैं, और अन्य संबंधित वित्तीय कार्यों में भाग ले सकती हैं. (भाषा इनपुट)

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version