Indian Economy 2024: चुनौतियों के बीच कायम रहेगा भारतीय अर्थव्यवस्था का दबदबा, जानें क्या है विशेषज्ञों की राय

Indian Economy 2024: बढ़ती मांग, घटती महंगाई, स्थिर ब्याज दर परिदृश्य और मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार की वजह से 2023 में भी भारतीय अर्थव्यवस्था की चमक बनी रही. मार्च तिमाही में भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 6.1 प्रतिशत रही.

By Agency | December 31, 2023 12:40 PM

Indian Economy 2024: भारत ने 2023 में वैश्विक स्तर पर प्रतिकूल परिस्थतियों का ‘निर्णायक’ तरीके से सामना किया और दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख वैश्विक अर्थव्यवस्था का ‘दर्जा’ कायम रखा. बढ़ती मांग, घटती महंगाई, स्थिर ब्याज दर परिदृश्य और मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार की वजह से 2023 में भी भारतीय अर्थव्यवस्था की चमक बनी रही. दुनिया के विकसित देशों में व्यापक निराशावाद और बिगड़ती भू-राजनीतिक स्थिति के बावजूद मार्च तिमाही में भारत की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर 6.1 प्रतिशत रही. जून तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.8 प्रतिशत की दर से बढ़ी, जबकि सितंबर तिमाही में वृद्धि दर 7.6 प्रतिशत रही. चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में देश की आर्थिक वृद्धि दर 7.7 प्रतिशत रही है। भारतीय अर्थव्यवस्था की यह रफ्तार दिसंबर तिमाही में भी जारी रहने की उम्मीद है. इस तरह भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा। यानी भारत इस मामले में चीन से आगे रहेगा.

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आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) के ताजा वृद्धि अनुमान के अनुसार, भारत 2023 में 6.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करेगा, जो चीन और ब्राजील की वृद्धि दर क्रमशः 5.2 प्रतिशत और तीन प्रतिशत से कहीं अधिक है. ओईसीडी का अनुमान है कि 2024 में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.1 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी, जबकि चीन की वृद्धि दर 4.7 प्रतिशत रहेगी. हालांकि, भारत के संदर्भ में ओईसीडी के वैश्विक वृद्धि दर के अनुमान को कुछ कम माना जा रहा है. वहीं दूसरी ओर अमेरिका, ब्रिटेन और जापान सहित कुछ प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में नए साल में आर्थिक वृद्धि दर में या तो गिरावट आ सकती है, या इनमें मामूली बढ़ोतरी हो सकती है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के विश्व आर्थिक परिदृश्य के अनुसार, वैश्विक वृद्धि 2022 में 3.5 प्रतिशत से घटकर 2023 में तीन प्रतिशत और 2024 में 2.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है. भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की सदस्य आशिमा गोयल ने कहा कि भारत की वृद्धि ने कई बाहरी झटकों के बावजूद काफी जुझारू क्षमता दिखाई है. उन्होंने कहा कि लोगों को बेहतर कौशल और संपत्ति से लैस करने से 2024 और उससे आगे भारत अच्छी वृद्धि हासिल कर सकता है.

रेटिंग एजेंसी क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री धर्मकीर्ति जोशी ने कहा कि आने वाले वर्ष में भूराजनीतिक घटनाक्रम फिर से भारत की घरेलू मांग की मजबूती का परीक्षण करेगा. उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि आने वाले वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रहेगी, जो चालू वित्त वर्ष से कुछ कम है. अर्थव्यवस्था पर भारतीय रिजर्व बैंक के एक हालिया लेख में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद भारत 2023 में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहा. एमपीसी के सदस्य जयंत आर वर्मा ने कहा कि कुछ कठिन वर्षों के बाद आर्थिक माहौल बेहतर हो रहा है. महंगाई घट रही है और वृद्धि बढ़ रही है. ज्यादातर अनुमानों में कहा गया है कि 2024-25 में भारत की वृद्धि दर 2023-24 की तुलना में कुछ कम रहेगी. वृद्धि की राह में सबसे बड़ा जोखिम वैश्विक अर्थव्यवस्था की सुस्ती और भूराजनीतिक दबाव है.

(भाषा इनपुट के साथ)

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